कलेक्टर vs प्राइवेट स्कूल: हाईकोर्ट पहुंचा मामला

उपदेश अवस्थी/भोपाल। ग्वालियर में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने की कार्रवाई अब हाईकोर्ट की चौखट पर पहुंच गई है। प्राइवेट स्कूलों के एक समूह ने मिलकर हाईकोर्ट में ग्वालियर कलेक्टर पी नरहरि के खिलाफ याचिका दायर की है, वहीं आम नागरिक कलेक्टर के समर्थन में एकजुट हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर कलेक्टर की कार्रवाई को भारी समर्थन मिल रहा है।

न्यायालयों के तमाम आदेशों और शासन के नियमों के बावजूद प्राइवेट स्कूलों में पेरेंट्स को लूटने का खुलाखेल लगातार जारी है। यह लगभग एक जैसा है और पूरे प्रदेश में फैला हुआ है। जो किताबें बाजार में 400 रुपए में​ मिल जातीं हैं उन्हें ये स्कूल संचालक 4000 में बेचते हैं। किताबें स्कूल से खरीदना मजबूरी होती है। इसके अलावा यूनिफार्म और दूसरे तमाम नामों से पेरेंट्स से मोटी रकम वसूली जाती है।

कलेक्टरों के पास ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के अधिकार हैं परंतु कई कलेक्टर इन अधिकारों का उपयोग नहीं करते। ग्वालियर कलेक्टर पी नरहरि इस परंपरा से इतर निकले और उन्होंने प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया। एक के बाद एक धड़ाधड़ कार्रवाईयां की गईं। आम नागरिकों से राहत भी मिली। सैंकड़ों स्कूलों ने लूट का खेल बंद कर दिया, परंतु कुछ ऐसे स्कूल संचालक भी निकले जो कलेक्टर के खिलाफ लामबंद हो गए।

प्राइवेट स्कूलों के संचालकों ने पहले तो वकीलों का एक समूह भेजकर कलेक्टर को धमकाने की कोशिश की और जब बात नहीं बनी तो उनकी कार्रवाई रोकने के लिए एक याचिका हाईकोर्ट में दायर कर दी। इस मामले में हाईकोर्ट ने 27 अप्रैल की तारीख सुनिश्चित की है, जिसमें कलेक्टर को अपना पक्ष रखना है। देखना रोचक होगा कि अब यह लड़ाई किस परिणाम पर जाकर खत्म होती है।

ट्रांसफर के लिए 20 लाख की पेशकश
बताया जा रहा है कि ग्वालियर कलेक्टर पी नरहरि के ट्रांसफर कराने के प्रयास तेज हो गए हैं। माननीय मंत्रीजी से लेकर वल्लभ भवन तक जुगाड़ लगाई जा रहीं हैं। 20 लाख तक का आफर दिया जा चुका है। एक कथित ऐजेंट ने आश्वस्त किया है कि वो मनमाफिक परिणाम दिला देगा। फिलहाल सौदेबाजी का दौर चल रहा है, देखते हैं इस खेल में माफिया जीतता है या प्रशासन।

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