जबलपुर। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में चेयरमैन सहित अन्य रिक्त पद कैसे भरे जाएंगे? हाईकोर्ट ने इस सवाल का जवाब शपथपत्र पर तलब किया है। इसके तहत पीएससी को अपनी गाइडलाइन प्रस्तुत करनी होगी।
सोमवार को न्यायमूर्ति राजेन्द्र मेनन व जस्टिस एसके गंगेले की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता राजधानी भोपाल के आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे का पक्ष अधिवक्ता राजेश चंद ने रखा।
उन्होंने दलील दी कि पीएससी में चेयरमैन, मेम्बर, एग्जाम कंट्रोलर और एडीशनल एग्जाम कंट्रोलर जैसे पदों पर नियुक्तियों के संबंध में कोई ठोस गाइडलाइन नदारद है। इस वजह से मनमाने तरीके से नियुक्तियां देखने को मिलती हैं। जिसके नतीजे बाद में छात्रों और अभिभावकों को भुगतने मजबूर होनी पड़ता है। कायदे से चेयरमैन सहित अन्य पदों के सिलसिले में अर्हता-योग्यता संबंधी मानदंडों का सुनिश्चित निर्धारण होना चाहिए।
बहस के दौरान बताया गया कि दो माह बाद चेयरमैन का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। इस तरह यह पद रिक्त होगा। इसी तरह पीएससी सदस्य और परीक्षा नियंत्रण आदि के पद भी खाली हैं। ऐसे में बेहतर यही होगा कि समय रहते गाइडलाइन तय कर ली जाए।