भोपाल। मप्र लोकशिक्षण संचालनालय के आदेश ने शासन की अनुकंपा नियुक्ति की भावनाओं को ही बदलकर रख दिया। संचालनालय ने आदेश दिया है कि अध्यापक संवर्ग के संदर्भ में केवल उसी आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति की जा सकेगी जो समान शैक्षणिक अहर्ता रखता हो। अर्थात यह कि मरने वाले के घर में उसी के बराबर पढ़ा लिखा लेकिन बेरोजगार होना जरूरी है। बड़ा अजीब है यह नियम।
आरिफ अंजुम (प्रमुख महामंत्री) शासकीय अध्यापक संगठन ने इस विषय को उठाते हुए खुलाखत लिखा है, खुद पढ़ लीजिए क्या लिखा है इसमें :-
प्रति
श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय जी
मप्र शासन भोपाल
विषय-अध्यापक संवर्ग के अनुकम्पा नियुक्ति नियमों में संशोधन करने अथवा सहायक ग्रेड 3 लिपिक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने बावत,
महानुभाव,
सविनय निवेदन है कि शिक्षा कर्मियों के परिवार को संविदा शिक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति ,पंचायत विभाग के आदेश दिनांक 28-12-2005 तथा नगरीय प्रशासन के आदेश दिनांक 01-12-2005 द्वारा प्रदान की जाती रही है। स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 01-04-2010 द्वारा भी अध्यापक संवर्ग को अनुकम्पा नियुक्ति मिलती रही है।
किन्तु लोकशिक्षण संचालनालय भोपाल के पत्र दिनांक 17-12-2013 तथा 09-12-2014 के अनुसार संविदा शाला शिक्षक वर्ग 2 व वर्ग 3 के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने हेतु मप्र भर्ती नियम राजपत्र (असाधारण) दिनांक 22-06-2011 एवम् 27-06-2011 में उल्लेखित अर्हता 50% अंक डी.एड.बी.एड.तथा पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अनिवार्य है।
यह की उक्त प्रावधान के कारण 2 वर्ष से अनेक आश्रित अनुकम्पा नियुक्ति से वंचित हैं। इसके संशोधन हेतु प्रत्येक स्तर पर किये गए प्रयास असफल रहे। श्रीमान जी से पुन:प्रार्थना है कि अनुकम्पा शब्द की मूल भावना अनुसार नियमों में संशोधन कर परेशान आवेदकों (अधिकतर महिलाओ)को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने की कृपा करें।
अन्यथा की स्थिति में समस्त कर्मचारियों/शिक्षकों की भांति सहायक ग्रेड3 लिपिक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जावे।
सेवा में सादर प्रस्तुत।
निवेदक
आरिफ अंजुम (प्रमुख महामंत्री)
शासकीय अध्यापक संगठन
9425628786
विशेष आग्रह:- कार्यरत अध्यापक की मृत्यु पूर्व परिवार के प्रत्येक सदस्य को डी.एड,बी.एड कराई जावे।