भोपाल। 'मैं मुस्लिम हूं, इसीलिए मेरे गीता क्वीज चैंपियनशिप जीतने पर लोग मुझे इतनी तवज्जो दे रहे हैं। यही मुझे पसंद नहीं है। मेरे पहले यह प्रतियोगिता जीतने वालाें को इतनी प्रसिद्धी नहीं मिली, क्योंकि हो सकता है वे हिंदू हों।
धर्म के नाम पर बांटने की शुरुआत यहीं से होती है और यही बात मुझे पसंद नहीं है। मैं नहीं चाहती कि लोग मुझे इसलिए शाबाशी दें कि मैंने मुस्लिम होने के बावजूद गीता चैंपियनशिप जीती।' यह कहना है 12 साल की बच्ची मरियम सिद्दीकी का, जिसने हाल ही में इस्कॉन द्वारा आयोजित गीता चैंपियनशिप जीती है। मरियम एक पुरस्कार समारोह में हिस्सा लेने भोपाल आई हुई थीं।
तारीफ करना है तो मेरी मेहनत और लगन की कीजिए
मरियम ने कहा, 'मैं मुसलमान हूं इसलिए गीता याद करने पर लोग इतनी चर्चा कर रहे हैं। बेहतर होता वो मेरी मेहनत और लगन के लिए मेरी तारीफ करते। मेरे घर में सभी धर्मों के बारे में बात होती है। कृष्ण और भीम के कार्टून देखती आ रही हूं। इसलिए मुझे और मेरे मां-बाप को तो सब सामान्य लग रहा है लेकिन घर के बाहर लोग मुझे आश्चर्य से देख रहे हैं। मैं रोज एक घंटे गीता और बाइबिल पर लेक्चर ले रही हूं।'
स्कूलों में पढ़ाई जाए गीता, लेकिन साथ में कुरआन और बाइबिल भी
मरियम ने कहा, 'स्कूलों में गीता पढ़ाई जानी चाहिए। लेकिन साथ में कुरआन और बाइबिल भी पढ़ाई जाए। मैंने कुरआन और गीता पढ़ी है। मेरी समझ से दोनों का निचोड़ इंसानियत को सबसे ऊपर रखना है। सिर्फ गीता पढ़ाई जाएगी तो हमारे जैसे बच्चों को बाकि धर्मों के बारे में पता नहीं चल सकेगा। यह प्रार्थना मैंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से भी की है। मैंने बाबरी मस्जिद, 2002 और मुजफ्फर नगर के बारे में सुना है, हम वो सब नहीं देखना चाहते।'
संपूर्ण व्यक्ति हैं कृष्ण
मरियम ने बताया, 'मुझे गीता में सबसे ज्यादा कृष्ण भगवान ने अपील किया। वे संपूर्ण व्यक्ति लगे। उन्हें अपने दुश्मनों की भी चिंता रहती है और उन्हें किसी मामले में अपने से कम भी नहीं समझते हैं।' मरियम ने सोमवार को संपूर्ण हिंदुस्तानी एकता एवं सदभावना मंच द्वारा आयोजित साामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में हिस्सा लिया।