भोपाल। प्रदेश सरकार हर वर्ष अप्रिशिक्षित शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार के लिए बीएड कोर्स की पढ़ाई करवाती आ रही है। जिसके लिए उन्हें इस एक वर्षीय कोर्स को नियमित रूप से करने के लिए अवकाश और फीस भी दी जाता है। लेकिन इस बार इनकी फीस राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा रोक ली गई है। इसके चलते इनके लाखों के भुगतान पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
बताया गया कि भोपाल संभाग के शिक्षकों को शहर के इंस्टीट्यूट एडवांस स्टडी इन एजूकेशन यानी पीजीबीटी कॉलेज से बीएड करवाया जा रहा है। कॉलेज प्रबंधन ने तो प्रवेश प्रक्रिया के समय हर एक शिक्षक से 6,000 रुपए के शुल्क के अलावा एक हजार रुपए कॉशनमनी के रूप में जमा कराई गई थी। जिसमें कहा गया था कि यदि राज्य शिक्षा केंद्र से इस राशि का भुगतान किया जाता है तो, उन्हें वापिस कर दिया जाएगा। सत्र 2014-15 में अध्यापक शाला शिक्षक वर्ग-1,2, संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 के अलावा व्याख्याता, प्रधानाध्यापक बीएड कर रहे हैं। इसके चलते सिर्फ भोपाल संभाग के शिक्षकों को दस लाख से अधिक की राशि प्रतिपूति शुल्क के रूप में मिलनी है। सूत्रों की मानें तो यह समस्या हर संभाग के शिक्षकों के साथ है। जिन्हें प्रतिपूर्ति शुल्क नहीं मिल पा रहा है।
अधिकारी नहीं दे रहे जवाब
शुल्क की प्रतिपूर्ति नहीं मिलने के मामले में एक शिक्षक ने नाम नहीं लिखने की शर्त बताया कि इस संबंध में वे लगातार राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों से लगातार संपर्क कर रहे हैं। लेकिन वहां से कोई भी जानकारी नहीं मिल रही है। प्राचार्य आरके स्वर्णकार ने भी इस मामले में बेबसी का इजहार किया है।