अनूपपुर। शासकीय विद्यालयों के निजीकरण के विरोध सहित अन्य मांगों के लिए जिले के अध्यापक, संविदा शिक्षक व गुरूजी संवर्ग के कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय में एकत्रित होकर 26 अप्रैल को एक दिवसीय शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना दिया गया। इस अवसर पर अध्यापकों ने शासन पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि म.प्र. की सरकार खुले मन से अध्यापकों की समस्याओं का निराकरण करना ही नहीं चाहती।
समान कार्य समान वेतन के नाम पर चार किश्तों मेंं दिए जा रहे अंतरिम राहत में शासन ने भद्दा मजाक किया है। सहायक अध्यापकों, वरिष्ठ अध्यापकों व १ अगसत २०१३ के पूर्व पदोन्नत हुए वरिष्ठ अध्यापकों की अंतरिम राहत में चार हजार रूपए प्रतिमाह का नुकसान उठा रहे है। वहीं कई अध्यापकों ने आरोप लगाया कि १७-१८ वर्षों से एक ही स्थान पर सेवा दे रहे पुरुष अध्यापकों को स्थानांतरण नीति से वंचित कर म.प्र. शासन अति संवेदनहीनता का परिचय दे रही है। अध्यापकों ने कहा कि अब जबकि वर्ष २०१७ में शिक्षक संवर्ग के समान वेतन देने का समय नजदीक आ रहा है। आजाद अध्यापक संघ ने मुख्यमंत्री एवं कलेक्टर के नाम नायब तहसीलदार अनूपपुर रवीन्द्र जैन को सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा जिसमें निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लेने व स्थानांतरण नीति पुरुष अध्यापकों के लिए भी शीघ्र जारी करने की बात कहीं।
स्थानीय समस्याओं पर भी चिंता
सांकेतिक धरना कार्यक्रम में अध्यापकों ने स्थानीय समस्याओं पर भी चिंता व्यक्त की, अध्यापकों ने आरोप लगाया कि अन्य जिलो में अध्यापकों की पदोन्नति की कार्यवाही पूर्ण होते देख निराशा होती है, जिले में भी पदोन्नति की कार्यवाही होती। वहीं कई अध्यापकों ने एरियर के भुगतान पर जानबूझकर विलंब किया जा रहा है। गुरूजी संवर्ग की समस्याओं पर चिंता जाहिर करते हुए कहा गया कि अनुत्तीर्ण गुरूजी को संविदा शिक्षक पद पर संविलियन के शासन के आदेश के बावजूद कुछ जनपद पंचायत गुरूजी की सूची अनुमोदन कराने में अनावश्यक विलंब कर रहे है जो चिंताजनक है। उपरोक्त स्थानीय समस्याओं पर अध्यापकों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर हस्तक्षेप की मांग की है।
ये रहे उपस्थित
एक दिवसीय सांकेतिक धरने मेेंं रमेश सोनकर, विजय तिवारी, अरुणेन्द्र प्रताप सिंह, राजेश पटेल, मिथिलेश राय, मोहित शुक्ला, विश्वास राज शुक्ला, सुनील ब्योहार, सुदामा सिंह, सतेन्द्र पटेल, राजेन्द्र शुक्ला, प्रदीप अग्रवाल, अनिल रैदास, शिवदत्त पांडेय, आर. के. गाडा, रत्नेश नामदेव, सुरजीत ंिसंह, संजय तिवारी, कैलाश द्विवेदी, उर्मिला सिंह सहित अध्यापक, संविदा शिक्षक व गुरूजी उपस्थित रहे।