सीएम हाउस में अटक गई आईएएस अफसरों की ट्रांसफर लिस्ट

भोपाल। मप्र का एक बड़ा वर्ग आईएएस अफसरों की ट्रांसफर लिस्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। इसमें मंत्री से लेकर भाजपा के ही कई नेता भी शामिल हैं। यह लिस्ट जारी हो जाना थी, लेकिन सीएम हाउस में अटक गई।

दरअसल मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैस के बीच कुछ अफसरों पर सहमति न बनने से पूरी सूची अटक गई है। इंदौर कमिश्नर और कलेक्टर सहित कई ऐसे पद हैं, जिन पर आला अफसर मनपसंद अधिकारी लाना चाहते हैं। मतभेद देखते हुए मुख्यमंत्री ने फिलहाल फेरबदल टाल दिया है। यही वजह है कि प्रदेश के सबसे अहम् जिले में शुमार इंदौर कलेक्टर का प्रभार नए आईएएस जिला पंचायत सीईओ आशीष सिंह को दिया गया है।

इधर प्रशासनिक फेरबदल की आस लगाए मंत्री बेचैन हैं, कारण कि कई मंत्रियों की अपने विभाग के प्रमुख सचिवों से पटरी नहीं बैठ रही है। इन्हें हटाने वे कई बार मुख्यमंत्री से भी कह चुके हैं।

15 के बाद जारी होगी सूची
मंत्रालय के उच्च सूत्रों की मानें तो प्रशासनिक फेरबदल को सीएम से हरी झंडी दिल्ली में 15 अप्रैल को होने वाली नीति आयोग की बैठक के बाद ही मिलेगी। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि आला अफसरों में समन्वय नहीं बनने की स्थिति में मुख्यमंत्री कुछ चुनिंदा और आवश्यक तबादलों पर ही मुहर लगाएंगे। ऐसे में उन अफसरों को झटका लग सकता है जो मनपसंद विभाग में जाने के लिए मंत्री, संघ पदाधिकारी सहित अपने आकाओं की गणेश परिक्रमा कर रहे हैं।

इधर अफसर बेचैन
इंदौर कलेक्टर बनने के लिए जोड़-तोड़ लगा रहे अफसर सबसे ज्यादा बेचैन हैं। तबादला सूची निकलने में जितनी देर हो रही है उनकी उतनी ही परेशानी बढ़ रही है। उन्हें लग रहा है कहीं वे लॉबिंग में पिछड़ गए तो कहीं कोई अन्य अफसर बाजी न मार जाए। हालांकि दौड़ में सबसे आगे भोपाल कलेक्टर निशांत वरवड़े और ग्वालियर कलेक्टर पी नरहरि का नाम चल रहा है।

भोपाल के लिए सबसे पुख्ता दावेदार विदिशा कलेक्टर एमबी ओझा बताए जा रहे हैं। ग्वालियर कलेक्टर के पद पर प्रमोटी अफसर को भेजे जाने की संभावना है। आगर-मालवा कलेक्टर विनोद शर्मा को सिंहस्थ मेला प्रभारी के लिए प्रस्तावित किया गया है। इसी तरह मंडला कलेक्टर लोकेश जाटव, उमरिया कलेक्टर कृष्ण गोपाल तिवारी और शहडोल कलेक्टर अशोक भार्गव के नाम फेरबदल की सूची में बताए जा रहे हैं। 2009 बैच के आईएएस अफसरों में से कई को कलेक्टरी मिल सकती है।

इधर से उधर हो सकते हैं ये
एक ही विभाग में चार साल से अधिक समय तक जमे अफसरों को बदले जाने की संभावना है, लेकिन इनमें कुछ ऐसे हैं जो अपनी मर्जी से ही विभाग में जाएंगे। इनमें सबसे प्रमुख नाम राधेश्‍याम जुलानिया प्रमुख सचिव जल संसाधन और रजनीश वैश उपाध्यक्ष प्रमुख सचिव एवं नर्मदा घाटी विकास विभाग का माना जा रहा है। कुछ अफसर ऐसे भी हैं जो खुद ही विभाग से निकलना चाहते हैं और सूची का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, इनमें गृह विभाग के प्रमुख सचिव बीपी सिंह, राज्यपाल के प्रमुख सचिव विनोद सेमवाल, प्रमुख सचिव अश्विनी राय प्रमुख सचिव जीएडी कार्मिक, राकेश श्रीवास्तव आयुक्त आबकारी और मनु श्रीवास्तव एमडी पावर मैंनेजमेंट कंपनी, के नाम शामिल हैं। इसके अतिरिक्त कुछ अफसर ऐसे हैं जिनकी अपने मंत्रियों से पटरी नहीं बैठ रही है। इनमें अरूणा शर्मा अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, अजय तिर्की प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग और प्रवीर कृष्ण प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, और नाम संभावित सूची में बताए जा रहे हैं।

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