केबीनेट मीटिंग: शिवराज सिंह से नाराज हो गईं यशोधरा राजे सिंधिया

भोपाल। ग्वालियर व्यापार मेले के पूरा नियंत्रण उद्योग मंत्री के हाथ में आने का प्रस्ताव कैबिनेट में रोके जाने पर उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया नाराज हो गईं। उन्होंने कैबिनेट में सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछ लिया कि आखिर इसे क्यों रोका जा रहा है। मंत्री के तीखे तेवर को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इस मामले पर बाद में चर्चा करने की बात कहकर टाल दिया। कैबिनेट खत्म होते ही मंत्री सिंधिया बगैर किसी से कुछ बोले गुस्से में उठकर चली गईं।

उद्योग मंत्री की नाराजगी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को उन्हें मनाने के लिए भेजा। लगभग 15 मिनट तक चर्चा के बाद उद्योग मंत्री सिंधिया को मनाने में मंत्री मिश्रा सफल हुए। दरअसल मंत्री चाहती हैं कि ग्वालियर व्यापार मेले के संचालक मंडल में अशासकीय लोगों (जनप्रतिनिधि) जिनमें सांसद, विधायक, महापौर सहित अन्य लोगों की जगह सरकारी अधिकारियों की नियुक्ति की जाए। ग्वालियर व्यापार मेले के सचिव पद पर उद्योग विभाग के संयुक्त संचालक की जगह राज्य सरकार स्तर से सीईओ की नियुक्ति हो। इतना ही नहीं मेले के उपाध्यक्ष पद पर भी जनप्रतिनिधि की जगह संभागीय कमिश्नर को पदस्थ किया जाए। मेले का अध्यक्ष उद्योग विभाग का ही मंत्री बने। इस संबंध में उद्योग विभाग ने ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण अधिनियम 1996 में बदलाव का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा था, जिसे मुख्यमंत्री ने चर्चा होने से पहले ही रोक दिया।

बैक डेट में न करें तबादले
मुख्यमंत्री ने कैबिनेट में मंत्रियों से अनौपचारिक चर्चा करते हुए कहा कि सभी मंत्री अपने-अपने विभागों में 15 मई से पहले हर हाल में तबादले कर लें। उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि अभी तक कई विभागों में तबादलों की प्रक्रिया ही शुरू नहीं हुई है। ऐसे में 15 अप्रैल से 15 मई तक की अवधि में कैसे तबादले हो पाएंगे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 15 मई के बाद किसी भी हालात में बैक डेट में तबादले न किए जाएं। जो विभाग उक्त तिथि के बाद होने वाले तबादले के लिए मुख्यमंत्री समन्वय में ही फाईल भेजना होगी।

भूकंप राहत में मंत्री देंगे एक माह का वेतन
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल से लेकर हमारे देश के कई राज्यों विशेषकर बिहार, उप्र और राजस्थान में जनहानि और नुकसान हुआ है। भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए सभी मंत्री भूकंप राहत कोष में एक माह का वेतन जमा कराएंगे। इस पर सभी मंत्रियों ने सहमति दी। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को एक बार फिर अपने-अपने प्रभार के जिलों में दौरा करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि बारिश का मौसम आने से पहले सभी मंत्री एक बार क्षेत्र का भ्रमण कर मैदानी योजनाओं का फीडबैक लें ले।

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