मप्र में इस महीने 40 हजार ट्रांसफर की तैयारी

भोपाल। प्रदेश में बीते दो सालों से तबादलों पर लगी रोक हटने जा रही है। इस साल की प्रस्तावित तबादला नीति में 15 अप्रैल से 15 मई के बीच तबादलों से रोक हटनी है। इसे कैबिनेट की अगली बैठक में मंजूरी के लिए लाया जा सकता है। वर्ष 2013 में विधानसभा और 2014 में लोकसभा चुनाव की वजह से यह रोक लगी थी। इस दौरान जरूरी ट्रांसफर मुख्यमंत्री के स्तर पर ही हुए। इससे पहले 1 मई से 15 जून 2012 के बीच प्रतिबंध हटाया गया था। इसके बाद से रोक लगी है।

इस साल एक महीने में 10% तबादले के आसार हैं। यानी 40 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी इधर से उधर होंगे। इनमें तीन साल से एक ही जगह पदस्थ कर्मचारी पहले जाएंगे।

15 अप्रैल से रोक हटाए जाने की वजह कर्मचारी नई पोस्टिंग की जगह बारिश के पहले शिफ्टिंग कर सकें और स्कूलों में बच्चों के एडमिशन करा सकें। वर्ष 2015-16 की प्रस्तावित ट्रांसफर पालिसी में प्रत्येक संवर्ग में कर्मचारियों की संख्या 200 होने पर 20 प्रतिशत और 201 से 240 के बीच होने पर 10 प्रतिशत तबादले किए जा सकेंगे।

ऐसी होगी प्रक्रिया
जिला स्तर पर कर्मचारियों के तबादले कलेक्टर प्रभारी मंत्री की स्वीकृति के बाद करेंगे। राज्य स्तर पर अधिकारियों के ट्रांसफर सामान्य विभागीय प्रक्रिया के अनुसार ही होंगे। द्वितीय और तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के ट्रांसफर दूसरे जिलों में विभागाध्यक्ष के माध्यम से किए जाएंगे।

राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों के ट्रांसफर सामान्य प्रशासन विभाग करेगा, जिलों में डिप्टी कलेक्टर और ज्वाइंट कलेक्टर की पोस्टिंग में फेरबदल कलेक्टर करेंगे। नए बने जिलों में खाली पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाएगा। इसके साथ ही तहसीलदार और नायब तहसीलदार की जिले में पोस्टिंग कलेक्टर प्रभारी मंत्री की मंजूरी के बाद करेंगे।

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