ये कांग्रेसी तो भाजपा का चूना लगा गया

भोपाल। कांग्रेसमुक्त मध्यप्रदेश बनाने के लिए भाजपा जमीन आसमान एक कर डाला। राजनीति के नैतिक सिद्धांतों को पीछे की जेब में छिपा ऐसे ऐसे हथकंडे अपनाए कि डर्टी पॉलिटिक्स की शर्मा गई, लेकिन विधानसभा चुनावों से शुरू हुए इस खेल का अंत बड़ा हास्यास्पद हुआ। जो भाजपा पूरे चुनावी साल कांग्रेस की पीठ में नश्तर घुसाती रही, जिला पंचायत के अंतिम चुनाव में एक कांग्रेसी पूरी भाजपा को टंगड़ी अड़ाकर गिरा गया।

कांग्रेस के इस शातिर नटवरलाल का नाम है मनमोहन नागर। श्री नागर ने जो कुछ भी किया वो बड़ा मजेदार रहा। यदि आप कांग्रेसी हैं तो इसे 'जैसे को तैसा' कह सकते हैं, यदि आप भाजपाई हैं तो 'डर्टी पॉलिटिक्स' कहिए।

मामला भाजपा की जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव का है। मनमोहन नागर मूलत: कांग्रेस के नेता हैं, लेकिन उनके पास जीतने योग्य वोट नहीं थे। अत: रातोंरात नागर ने एक नई युक्ति सोची। जा पहुंचे भाजपा नेताओं के संपर्क में। नागर जानते थे कि कांग्रेसियों के स्वागत के लिए पूरी भाजपा दरवाजे पर माला लिए खड़ी रहती है और यदि कोई जीतने योग्य प्रत्याशी पार्टी बदले तो भाजपा उसे कंधों पर उठा लेती है। भाजपा की इसी डर्टी पॉलिसी का फायदा उठाया नागर ने और जा पहुंचे भाजपाई दिग्गजों के पास।

बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा, विष्णु खत्री, भक्तपाल, अरविंद भदौरिया से होते हुए अरविंद मैनन तक बातचीत हुई। नागर ने जीतने के लिए भाजपा समर्थित सदस्यों के वोट मांगे, बदले में बीजेपी ज्वाइन करने की शर्त स्वीकारी, लेकिन भाजपा के चतुर सुजानों ने एक ड्रामा फिक्स किया। जीतने तक नागर कांग्रेस में रहेंगे और प्रमाण पत्र मिलते ही सीधे बीजेपी आफिस आएंगे। सोचा था कि इससे कांग्रेस पूरे प्रदेश में एक बार फिर जलील होगी और भाजपाई दिग्गजों को कांग्रेस से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करने के बजाए उन्हे जलील करने में ज्यादा मजा आता है, ये तो सभी जानते हैं।

भोपाल में गुरूवार की सुबह सबकुछ तय प्लानिंग के तहत हुआ। नागर खड़े हुए, चुनाव लड़े, भाजपा के समर्थन से जीते और भाजपा आफिस भी पहुंचे, धूमधड़ाके के साथ ज्वाइनिंग की घोषणा हुई। माल्यार्पण हुआ, स्वागत सत्कार हुआ। लेकिन शाम होते होते सीन बदल गया। नागर फिर से कांग्रेसी हो गए। इससे पहले बीजेपी दफ्तर में नागर को एक झन्नाटेदार तमाचा भी पड़ा।

  • आप कह सकते हैं कि कांग्रेस का 'आॅपरेशन घर वापसी' सफल रहा।
  • आप कह सकते हैं कि भाजपा को जैसे का तैसा फल मिला।
  • आप कह सकते हैं कि नागर को गद्दार निकला।
  • आप कह सकते हैं कि झन्नाटेदार तमाचे ने नागर को कांग्रेस के प्रति निष्ठाएं याद दिला दीं।


लेकिन हम तो कहेंगे कि ये कांग्रेसी बड़ा शातिर निकला। पूरी की पूरा भाजपा को चूना लगा गया।

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