शहर से चुराकर गांव में किराए पर चलाते थे बाइक

भोपाल। इसे आप बेरोजगारी का प्रमाण कह सकते हैं। जब कोई काम नहीं मिला तो 3 युवकों ने मिलकर एक नया बिजनेस शुरू किया। वो गांव में बाईक किराए पर देने लगे। किराए पर देने के लिए बाइक कहां से लाएं, इसका सरल समाधान था चोरी। सो भोपाल से बाइक चोरी करने लग गए।

एसपी नॉर्थ अरविंद सक्सेना के मुताबिक भोपाल में वाहन चोरी की वारदातें रोकने के लिए बीते कुछ समय से अभियान चलाया जा रहा है। शनिवार रात करीब पौने आठ बजे हनुमानगंज पुलिस ने नवबहार सब्जी मंडी के पास चैकिंग के दौरान संदेह होने पर तीन युवकों को बाइक समेत हिरासत में लिया। पूछताछ में बाइक चोरी की निकली। आरोपियों की पहचान कुरावर निवासी 24 वर्षीय सईद खां, 22 वर्षीय सुनील वर्मा और 23 वर्षीय अतीक खां के रूप में हुई है। सुनील और अतीक पर कुरावर में ही दुष्कृत्य के मामले भी दर्ज हैं। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने सईद के पास से 10, सुनील से 4 और अतीक से 5 बाइक बरामद जब्त कीं। बताया जा रहा है कि सईद ने बाइक भूसे में छिपाकर रखी थी। उन्होंने पिपलानी से 3, शाहजहांनाबाद, निशातपुरा, कोहेफिजा से 2-2, हनुमानगंज, श्यामला हिल्स, तलैया, अशोका गार्डन, गोविंदपुरा, ऐशबाग, छोला मंदिर और कोतवाली से 1-1 बाइक चोरी करना कबूल किया। इसके अलावा आरोपियों ने 6 अन्य वारदातें करना भी कबूल की हैं।

200 रुपए में सप्ताह भर बाइक
आरोपी चोरी की बाइक को न तो बेचते थे और न ही किसी को पूरी तरह से रखने देते थे। सईद ने बताया कि वे बाइक को गांव में किराये पर चलाते थे। सप्ताहभर के लिए 200 रुपए, 15 दिन के 400 और महीने भर के लिए 700 रुपए लेते थे।

दूर नहीं जाने देते थे
एसपी के मुताबिक शहरी इलाकों में चैकिंग से बचने के लिए आरोपियों ने नया तरीका निकाला था। वे बाइक किराये पर इस शर्त पर देते थे कि कोई भी बाइक अधिक दूरी तक नहीं ले जाएगा। इसके पीछे उनका तर्क होता था कि अधिक चलने बाइक में खर्चा ज्यादा आता था।

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