साम्प्रदायिक स्वामी को राज्य में घुसने नहीं दूंगा: असम के सीएम बोले

गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने आज कहा कि राज्य सरकार बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के कथित बयान के बाद राज्य में उनके प्रवेश पर रोक लगाने पर विचार करेगी। दरअसल स्वामी ने कथित रूप से कहा था कि 'मस्जिदें केवल इमारतें हैं और उन्हें तोड़ा जा सकता है'।

स्वामी के बयान पर गोगोई ने जोरहाट में एक कार्यक्रम से इतर कहा, 'उनकी टिप्पणियां पूरी तरह से एक समुदाय का अपमान करने वाली हैं। हम कार्रवाई करेंगे। अगर उन्होंने ऐसी बातें करना जारी रखा तो हम असम में उनके प्रवेश पर रोक लगा देंगे।'

मुख्यमंत्री ने स्वामी के लगातार विवादित टिप्पणियां करने की बात कहते हुए इस पर आश्चर्य जताया कि बीजेपी उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।

इसी बीच असम पुलिस ने कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) की छात्र शाखा छात्र मुक्ति संग्राम समिति की एक शिकायत के आधार पर गुवाहाटी के लतासील पुलिस थाने में आईपीसी की प्रभावी धाराओं के तहत स्वामी के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की।

केएमएसएस ने राज्य में स्वामी के प्रवेश पर तत्काल रोक लगाने की मांग की 'ताकि असम में कोई सांप्रदायिक तनाव ना हो।' वहीं दलीय भावना से ऊपर उठते हुए कई संगठनों और दलों ने वरिष्ठ भाजपा नेता के बयान की निंदा की है।

ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू), ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन (एएएमएसयू) और ऑल बोडोलैंड माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएमएसयू) समेत कई दूसरे छात्र संगठनों ने कड़ाई से स्वामी के बयान की निंदा की और गुवाहाटी एवं कोकराझाड़ में स्वामी और असम भाजपा के अध्यक्ष सिद्धार्थ भट्टाचार्य के पुतले जलाए।

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