नर्मना स्नान बंद, घाटों पर Azolla vegetable का कब्जा

होशंगाबाद। इन दिनों नर्मदा स्नान एवं आचमन बंद है। इसलिए नहीं कि यहां सफाई अभियान चल रहा है बल्कि इसलिए कि यहां भारी मात्रा प्रदूषण आ गया है। Azolla vegetable की हरी हरी परत ने पूरी नदी पर चादर बिछा दी है। जिसके कारण लोग नर्मदाजी का आचमन तक नहीं कर पा रहे हैं, मजेदार बात यह है कि त्राहि त्राहि के इस माहौल में नर्मदा की राजनीति करने वाले अनिल माधव दवे लापता हैं। 


नर्मदा में लगातार बहकर आ रही Azolla नामक वनस्पति के कारण श्रद्घालुओं से लेकर जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी परेशान हैं। हालत यह है कि इस वनस्पति की अधिकता के कारण लोगों ने नर्मदा में स्नान करना तक बंद कर दिया है। 

घाटों पर वनस्पति की तह पानी के ऊपर जमी हुई है। नर्मदा में हो रहे प्रदूषण से चिंचित कलेक्टर संकेत भोंडवे ने नर्मदा किनारे के ऊपरी जिलों के कलेक्टर को चिट्ठी लिखकर यह पता करने का प्रयास किया है कि आखिर यह वनस्पति आ कहां से रही है। इसके अलावा उन्होंने जबलपुर, नरसिंहपुर और अन्य जिलों के कलेक्टरों से दूरभाष पर चर्चा कर वस्तुस्थिति से अवगत भी कराया है।

ज्ञात रहे कि पिछले करीब एक सप्ताह से नर्मदा नदी में हरे रंग की एक वनस्पति बहकर आ रही है। एगोला नामक यह वनस्पति इतनी ज्यादा तादाद में बहकर आ रही है कि नर्मदा की पूरी धार की सतह पर सिर्फ वनस्पति ही दिखाई दे रही है। हालांकि पिछले दिनों की तुलना में अब इसका बहाव कम हो गया है, लेकिन पूरी तरह बंद नहीं हुआ है। रविवार को तो स्थिति बेहद विकट हो गई थी। नपा की पहल पर स्वयंसेवी संगठनों ने घाटों की सफाई करके इसे हटाया था। इस दौरान घाटों से कई ट्रक एजोला निकालकर नष्ट कराया गया था।

लगातार आ रही वनस्पति
नपा द्वार चलाया गया अभियान एक दिन ही चला। इसके बाद यह बंद हो गया। हालांकि नर्मदा की धार में एजोला का आना लगातार अभी भी जारी है। घाटों पर एक बार फिर पानी की ऊपरी सतह पर वनस्पति जम चुकी है। किनारों पर पानी थमा होने के कारण वनस्पति यहां ठहर जाती है। इसके कारण लोग नर्मदा में आचमन और स्नान भी नहीं कर पा रहे हैं। मंगलवार शाम तक नर्मदा के विभिन्न घाटों पर यह वनस्पति जमी हुई थी।

लिखा है पत्र
कलेक्टर श्री भोंडवे ने कहा कि नर्मदा में होने वाला यह प्रदूषण चिंता का विषय है। यहां सफाई करके तो इसे हटाया गया था, लेकिन यह इसका उचित इलाज नहीं है। वह फिर जमा हो गया। उन्होंने इस संबंध में यह पता लगाने का प्रयास किया है कि आखिर यह आ कहां से रहा है। इस बारे में संबंधित कलेक्टरों को पत्र लिखे गए हैं। पता चलते ही इसका बहाव वहीं से बंद करा दिया जाएगा। इसके बाद समस्या हल होगी।

दवे ने नहीं ली नर्मदा की सुध
नर्मदा प्रदूषण मुक्ति के लिए सालों से अभियान चलाने का दावा करने वाले और राष्ट्रीय नदी महोत्सव के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करने वाले सांसद अनिल माधव दवे ने इस दौरान नर्मदा की सुध नहीं ली। इस दौरान न तो वे यहां आए और न ही उनके द्वार इस बारे में जानकारी लिए जाने की कोई सूचना मिली है। जबकि पिछले माह ही नर्मदा को प्रदूषण मुक्त कराने के नाम उन्होंने विशाल कार्यक्रम किया था। इस कार्यक्रम में ही करोड़ों रुपए खर्च होने की बात कही जा रही है। आज जब नर्मदा में इस वनस्पति का प्रदूषण रुकने का नाम नहीं ले रहा है, ऐसे में श्री दवे का मौन कई सवाल पैदा करता है।

क्या है Azolla
आपको महाभारत का वो प्रसंग तो याद होगा जब पांडवों के नए भवन में दुर्योधन पहुंचते हैं और दृष्टिभ्रम के चलते एक कुंड में गिर जाते हैं। जब द्रोपदी उपहास उड़ातीं हैं, अंधे का बेटा अंधा। इसी से गुस्साए दुर्योधन द्रोपदी का चीरहरण करते हैं और यही चीरहरण महाभारत का कारण बनता है। इस पूरी कहानी के गर्भ में है Azolla
दरअसल जिस कुंड में दुर्योधन गिरे उसमें उपवन नहीं बल्कि Azolla की खेती की गई थी। यह पानी के उपर एक हरी हरी परत बनकर फैल जाती है, आपको पता ही नहीं चलता कि नीचे गहरा पानी भी है। दृष्टिभ्रम के चलते लोग इसमें गिर जाते हैं। Azolla वो खतरनाक वनस्पति है जो अपने नीचे बहने वाले पानी को धीरे धीरे नियंत्रित करती है और फिर दलदल में तब्दील कर देती है। 

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