नई दिल्ली। वर्चस्व की लड़ाई में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुट ने एक-एक कर विरोधियों को बाहर का रास्ता दिखाकर आम आदमी पार्टी (आप) पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कवायद तेज कर दी है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी से संस्थापक सदस्य योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण सहित चार वरिष्ठ नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद रविवार को भूषण को पार्टी की अनुशासन समिति के अध्यक्ष पद से भी चलता कर दिया गया।
इतना ही नहीं, पार्टी के लोकपाल एडमिरल (सेवानिवृत्त) रामदास की भी छुट्टी कर दी गई। राष्ट्रीय परिषद की बैठक में केजरीवाल गुट पर मनमानी के आरोप लगाने में रामदास ने भी योगेंद्र व प्रशांत गुट का समर्थन किया था।
केजरीवाल के आवास पर हुई बैठक
केजरीवाल के दिल्ली स्थित सरकारी निवास पर रविवार को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आपात बैठक में प्रशांत भूषण की जगह गुजरात से ताल्लुक रखने वाले पार्टी नेता दिनेश वाघेला की अगुआई में तीन सदस्यीय अनुशासन समिति के गठन का फैसला किया गया। इसमें दिल्ली डायलॉग आयोग के उपाध्यक्ष आशीष खेतान और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।
इसी प्रकार एडमिरल रामदास की जगह तीन सदस्यीय लोकपाल समिति बनाने का निर्णय लिया गया। इसमें दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के पूर्व प्रमुख एन. दिलीप कुमार और राकेश सिन्हा के अलावा शिक्षाविद् एसपी वर्मा को भी शामिल किया गया है। आपको बता दें कि पार्टी में मचे घमासान के बीच एडमिरल रामदास महाराष्ट्र के अपने गांव से दिल्ली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में ही शामिल होने आए थे लेकिन बैठक से पहले ही उनके मोबाइल पर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने एक संदेश भेजा। इसमें उन्हें बैठक में इस नसीहत के साथ नहीं आने को कहा गया कि उनके आने से बैठक में विवाद बढ़ने की आशंका है। इस पर रामदास ने कड़ा ऐतराज जताया और पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति को एक पत्र भेजकर पार्टी नेतृत्व की आलोचना की।
आप नेताओं का कहना है कि असल में एडमिरल रामदास को उनके पद से हटाया नहीं गया है बल्कि उनका कार्यकाल पूरा हो जाने की वजह से उनकी जगह पर नई लोकपाल समिति का गठन किया गया है। केजरीवाल की मौजूदगी में हुई कार्यकारिणी की बैठक में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, वरिष्ठ नेता संजय सिंह, कुमार विश्वास, इलियास आजमी, पंकज गुप्ता आदि नेताओं ने शिरकत की। समझा यह जा रहा है कि केजरीवाल गुट ने योगेंद्र व प्रशांत गुट को पार्टी के सभी महत्वपूर्ण पदों से बाहर करने की पूरी तैयारी कर ली है और यह गुट पार्टी पर अपना दबदबा बनाने में कामयाब होता दिख रहा है।