डी कंपनी चला रही है लॉटरी फ्रॉड, अब तक 4000 करोड़ का चूना

भोपाल। इंडिया का मोस्ट वांटेड दाउद इब्राहिम अब ई-लॉटरी के जरिये मप्र सहित देशभर में ठगी को अंजाम दे रहा है। इंटेलिजेंस ब्यूरो(आईबी) ने देशभर में अलर्ट जारी किया है। पुलिस की गुप्तचर शाखा(इंटलिजेंस) के उच्च पदाधिकारियों ने भी ऐसी आशंका जाहिर की है, लेकिन वे इसकी पुष्टि नहीं करते। उधर, मप्र के होशंगाबाद जिले में रहने वाले एक युवा वैज्ञानिक ने पैसों के लालच में अफ्रीकी राजदूत से लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के कार्यालय तक फोन घनघना दिए।

भारत के मोस्ट वांटेड दाउद इब्राहिम ने लॉटरी फ्राॅड से करीब 4 हजार करोड़ रुपए की ठगी भारत के लोगों से कर ली है। वह करांची,पाकिस्तान से बैठकर इस रैकेट को संचालित कर रहा है। इस रुपए को वह हवाला के माध्यम से अन्य देशों से मंगाता है और हवाला से ही टेररिस्ट को भेज देता है।

इस रैकेट का संबंध मप्र से भी है, जहां भोपाल सायबर पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर पश्चिम बंगाल के 6 लोगों को गिरफ्तार किया था। लॉटरी फ्राड के नाम पर अभी भी लोग इस ठगी का शिकार हो रहे हैं। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है कि, क्या मप्र में भी दाउद इब्राहिम के एजेंट मौजूद हैं।

कैसे कर रहे हैं लॉटरी फ्राड के नाम पर ठगी
कुछ दिनों से बाबई, जिला होशंगाबाद के जयप्रकाश राजपूत के पास फोन, ईमेल आ रहे हैं कि, 'आपने आस्ट्रेलिया में जैकपाट जीता है, आपका एकाउंट यूनाइटेड बैंक ऑफ अफ्रीका, बुर्किना फासो देश में खोल दिया गया है, जिसमें 7 करोड़ 50 लाख डॉलर जमा कर दिए गए हैं। आप जल्दी से अपना एमाउंट वहां से निकलवा लीजिए नहीं तो वह लैप्स हो जाएगा।'

इससे जयप्रकाश इतने उत्साहित हो गए कि उन्होंने बुर्किना फासो के राजदूत कार्यालय से बात भी कर ली। अपनी राशि को अफ्रीका से लेने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के कार्यालय से भी बात की। जयप्रकाश को इस बात का विश्वास ही नहीं हो रहा है कि इंटरनेट पर फ्राॅड लॉटरी का
मायाजाल फैला हुआ है, जिसमें उसे फंसाया जा रहा है।

डेढ़ साल पहले डेढ़ लाख रुपए चले गए थे लॉटरी फ्राड में
अक्टूबर 2013 में भोपाल की चंचल गुप्ता, लॉटरी फ्राड ठगी की शिकार हुई, तो इसकी शिकायत पुलिस की सायबर क्राइम शाखा में की। लॉटरी फ्राड में उसके पास एक ईमेल आया था, जिसमें दावा किया गया कि उसकी 25 लाख की लॉटरी निकली है। इस राशि को पाने के लिए टैक्स भरना होगा। उस टैक्स को 10 हजार, 20 हजार रुपए के रूप में अलग-अलग 4-5 खातों में डलवाया गया जो पश्चिम बंगाल और उत्तरप्रदेश के थे। शिकायत के बाद इस पर साइबर क्राइम पुलिस ने दो महीने तक केस की इन्वेस्टिगेशन की। पश्चिम बंगाल के आसनसोल और रानीगंज से 5 युवकों को पकड़ा, जिनके बैंक खाते इस ठगी में इस्तेमाल हुए थे। इसके दो महीने बाद एक महिला को भी अरेस्ट किया गया। इसमें खाताधारकों को तो पकड़ लिया गया लेकिन उन्हें इस्तेमाल करने वाले एजेंटों तक वे नहीं पहुंच पाए। ये केस अभी भोपाल कोर्ट में चल रहा है।

हताश हो जाती है पुलिस
इस तरह के ठगी का मामला पकड़ने के बाद भी पुलिस इसमें आगे कोई कार्रवाई नहीं कर पाती। ये सारे बैंक खाते बंगाल और बिहार में खोले जाते हैं और नक्सल क्षेत्र के आसपास लोग रहते हैं। वहां बैंक खाते बहुत आसानी से खुल जाते हैं जिसकी वजह से इन खातों का इस्तेमाल इंटरनेट से फ्राड करने वाला गिरोह करता है। ऐसे में पुलिस को पता भी चल जाता है कि फ्राड करने वाला कौन है लेकिन, लोकल पुलिस का उनका ज्यादा सहयोग नहीं मिलता है।

इंटरनेट फ्राड में हुए थे गिरफ्तार
इंटरनेट फ्राड में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिनका कोर्ट में चालान पेश हो गया है। ये बंगाल के रहने वाले थे, जिनका बैंक एकाउंट फ्राड करने वालों ने इस्तेमाल किया था।
एनएन झारिया, एआईजी, सायबर क्राइम सेल पुलिस

एक अपील
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