सोनोग्राफी की लागत 3 रुपए फीस वसूलते हैं 600 रुपए

प्रमोद त्रिवेदी/इंदौर। एक तो बीमारी का दर्द और उस पर बीमारी पता करने के लिए होने वाली जांच के खर्चे का बोझ। आपको जानकर आश्‍चर्य होगा कि डॉक्टर की सलाह पर आप जो पैथोलॉजिकल जांच करवाते हैं, उन पर लैब संचालक वास्तविक खर्च के अलावा 6 से 200 गुना तक रु. वसूलते हैं।

यानी अगर आप मलेरिया की जांच या ईसीजी करवाते हैं तो जांच खर्च आता है महज 2 रु., लेकिन लैब संचालक की जांच फीस है 50 से 150 रु. तक। वहीं सोनोग्राफी का खर्च आता है 3 रुपए, लेकिन जांच फीस है 600 रु.। मतलब 200 गुना।

जांच फीस की करीब आधी रकम संबंधित डॉक्टर की जेब में जाती है। डॉक्टरों और लैब संचालकों ने इस कमीशनखोरी और मरीजों को लूटने की प्रक्रिया को नाम दिया है 'कट कमीशन'। लैब संचालकों का कहना है कि डॉक्टर अगर कमीशन लेना बंद कर दें तो वे जांच फीस आधी तो कर ही देंगे।

क्यों देते हैं डॉक्टर को कमीशन
ऑल इंडिया मेडिकल लेबोरेटरी एसो. के जोनल सेकेट्री महबूब जॉन के अनुसार डॉक्टर या तो अपनी पर्ची पर लैब का नाम लिखते हैं या मौखिक रूप से मरीज को बताते हैं कि आपको फलां लैब से जांच करवाना है। मरीज अगर डॉक्टर बदलता है तो अगला डॉक्टर भी अपनी मनपसंद लैब में जांच को लिखता है। इससे जहां लैब संचालकों की कमाई होती है, वहीं डॉक्टर को कमीशन मिलती है।

गलत रिपोर्ट देकर भी कर रहे कमाई
जांच रिपोर्ट गलत बनवाकर भी कमाई का खेल खेला जा रहा है। एक सीएमएचओ और सरकारी पैथोलॉजिस्ट ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि करीब छह माह पहले जबलपुर की चार "ङाइवेट लैब ने 20 मरीजों में मलेरिया की पुष्टि की। जब मलेरिया पॉजीटिव की स्लाइड की इंदौर के एमवायएच में जांच की गई तो रिपोर्ट निगेटिव निकली।

मतलब मरीज को बिना मलेरिया के ही न सिर्फ हजारों रुपए की दवा खरीदनी पड़ी, बल्कि बेवजह गलत दवा खानी भी पड़ी। चूंकि मरीज ने शिकायत नहीं की, इसलिए लैब पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जांच का वास्‍तविक खर्च और लैब की फीस
जांच
खर्च
लैब फीस
ऐसे होता है खर्च
मलेरिया टेस्ट
02
50-100
निडिलकॉटनस्प्रिट
कम्पलीट ब्लड काउंट
40
250
सिरिंजसेम्पल ट्यूबकेमिकल
ब्लड शुगर
0750सिरिंजकेमीकल्स किट
सोनोग्राफी
03600जेलीप्रिंटर
एक्सरे
20400-600फिल्म,रिपोर्ट
पीलिया
(लीवर फंक्शन टेस्ट)
50450सिरेंज और किट
ईसीजी
02150स्ट्रिपपेपर,लाइट
सीटी स्कैन
5003000मशीन कॉस्ट,फिल्मलाइट
एमआरआई
10007000मशीन कॉस्ट,फिल्मलाइट

नोट-खर्च एआईएमएलटीए व सरकारी पैथोलॉजिस्ट के अनुसार, स्थापना खर्च (मशीन, भवन किराया, बिजली बिल आदि) अलग से।

डॉक्टर कट कमीशन न लें तो फीस आधी
अगर डॉक्टर कट कमीशन लेना बंद कर दें तो हम हर जांच की कीमत कम से कम आधी करने को तैयार हैं। हम कट कमीशन नहीं देंगे तो डॉक्टर पेशेंट को हमारी लैब में नहीं आने देंगे।
डॉ. एचएल कसेरा,
प्रदेश अध्यक्ष, एआईएमएलटीए (ऑल इंडिया मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी एसोसिएशन)

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