टीकमगढ़ में 250 करोड़ की फसल बर्बाद, तबाह हो गया किसान


रतिराम श्रीवास/टीकमगढ़। जिले भर में करीब 2 लाख हेक्टेयर में लहलहाती फसल ओलों की शिकार हुई है। मोटा मोटा अनुमान लगाएं कि कम से कम 250 करोड़ की फसल बर्बाद हो गई, वो भी तब जब फसलों की बर्बादी का आंकलन 50 प्रतिशत से 65 प्रतिशत के बीच लगाया जाए। सीएम ने पूरे प्रदेश के लिए 500 करोड़ के मुआवजे की बात की है। पटवारियों की परंपरागत रिश्वतखोरी जारी है। अब आप ही बताइए, किसानों को क्या मदद मिलेगी और कब तक मिल पाएगी।

हम यहां कोई दर्द भरे शब्दों का प्रयोग नहीं कर रहे, लेकिन इतना बताना चाहते हैं कि करीब 50 गांव की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं हैं। बस एक नजर डालिए इस डाटा पर और खुद केल्कुलेट कर लीजिए:-

  • मौसम विभाग कार्यालय के अधिकारी केके प्रजापति के अनुसार
  • केके प्रजापति के अनुसार दिनाॅक 15 मार्च 2015 को औसत वर्षा 29.4 औसत वर्षा हुई है दिनाॅक 1 जून 2014 से दिनाॅक 15 मार्च 2015 तक 582.7 वर्षा हुई है
  • दिनाॅक 16 मार्च 2015 को औसत वर्षा 10.1 हुई है
  • दिनाॅक 1जून 2014 से दिनाॅक 16 मार्च 2015 तक कुल बर्शा 592.8 मिनीमम हुई है
  • आगे मौसम के संबंध कुछ कहा नही जा सकता हे मौसम बिगडने की संभावना ज्यादा है


  • कृषि विभाग के उपसंचालक बीएन के अनुसार
  • गेहूॅ का रकवा एक लाख सोलह हजार पाॅच सौ हैक्टर जमीन मे बोनी हुई है।
  • चना की फसल का रकवा छब्बीस हजार पाचॅ सौ हैक्टर जमीन मे बोनी हुई है।
  • मटर की फसल का रकवा नौ हजार पाचॅ सौ हैक्टर जमीन मे बोनी हुई है।
  • मसूर की फसल का रकवा छब्बीस हजार पाॅच सौ हैक्टर जमीन मे बोनी हुई है।
  • सरसो की फसल का रकवा तेईस हजार तीन सौ हैक्टर जमीन मे बोनी हुई है।
  • अलसी फसल का रकवा तीन सौ हैक्टर जमीन मे बोनी हुई है।
  • अन्य फसल का रकवा तीन सौ हैक्टर जमीन मे फसल की बोनी हुई है।


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