11 साल बाद मिलेगा नरसिम्हा राव को न्याय

नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अपनी पार्टी कांग्रेस की ओर से भुला दिए गए पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव का स्मारक बनवाने पर विचार कर रही है। सूत्रों ने बताया कि राजग सरकार यमुना किनारे एकता स्थल पर राव का स्मारक बनवाने के प्रस्ताव पर गौर कर रही है। आंध्र प्रदेश सरकार से प्रस्ताव मिलने के बाद शहरी विकास मंत्रालय ने इस संबंध में कैबिनेट नोट तैयार किया है।

आंध्र प्रदेश सरकार ने राव की याद में दिल्ली में एक स्मारक बनवाने का प्रस्ताव भेजा है। उन्हें देश में आर्थिक सुधार का अगुवा माना जाता है। उन्होंने 1991 से 1996 के दौरान केंद्र में कांग्रेस सरकार की अगुवाई की थी। 2004 में उनके निधन के बाद कांग्रेस नेतृत्व वाली तत्कालीन संप्रग सरकार ने उनके लिए कोई भी स्मारक बनवाने से मना कर दिया था।

वास्तव में 2013 में संप्रग सरकार ने फैसला लिया कि किसी भी नेता के लिए अलग स्मारक नहीं होगा। इसके लिए जगह की कमी का हवाला दिया गया था। हालांकि, जगह की कमी को ध्यान में रखते हुए एक आम स्मारक स्थल बना है। 22.56 एकड़ में फैला एकता स्थल विजय घाट और शांति वन के बीच स्थित है। इस परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री आइके गुजराल, चंद्रशेखर, पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, शंकर दयाल शर्मा, केआर नारायण और आर. वेंकटरमन के स्मारक हैं। एक अधिकारी ने बताया कि समाधि परिसर में नौ स्मारकों के लिए स्थान है। इनमें से छह बन चुके हैं, जबकि तीन खाली हैं। 
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