राजा-महाराजा के काले कारनामों की पड़ताल शुरू

भोपाल। शिवराज सिंह चौहान पर सामूहिक हमला होने के बाद अब ​शिवराज सिंह समर्थक अधिकारी एवं नेतागण दिग्विजय सिंह एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जवाबी हमले की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए राजा-महाराजा के कथित काले कारनामों को संग्रहित करने का काम तेजी से किया जा रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में हुईं अवैध और अनियमित नियुक्तियों के मामले में सरकार जल्द ही आयोग या कमेटी बनाकर जांच करवा सकती है।
ग्वालियर में जमीनों को खुर्द-बुर्द करने के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लपेटने की कवायद होगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अपने प्रमुख सचिव को निर्देश दिए।

भर्ती कांड पर घेरेंगे दिग्विजय सिंह को

मुख्यमंत्री चौहान ने 2 जुलाई 2014 को कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए विधानसभा में कांग्रेस कार्यकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा की गई कई अवैध नियुक्तियों का हवाला दिया गया था। तत्कालीन स्पीकर श्रीनिवास तिवारी द्वारा प्लंबर और इलेक्ट्रिीशियन को शिक्षक बनाने से लेकर तमाम उदाहरण गिनाए गए थे।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने ऐलान किया था कि सारी अवैध नियुक्तियों की सरकार जांच कराएगी। पर आठ माह बाद भी ये जांच शुरू नहीं हो पाई। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस दिग्गजों के हमले के बाद मुख्यमंत्री को यह मामला याद दिलाया गया और बताया गया कि कुछ ब्यूरोक्रेट्स के प्रभाव के चलते ये कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई है। इसके बाद सीएम ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।

सिंधिया को भूमाफिया बताएंगे
राजघराने की जमीन के खरीद-फरोख्त के मामले में सरकार पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी शिकंजा कसने की रणनीति है। इस मामले में विधानसभा चुनाव से पहले से सरकार तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक जयविलास पैलेस सहित बहुत सारी जमीन राजस्व रिकार्ड में नहीं होने के मामले में ग्वालियर कलेक्टर ने कुछ दिन पहले नाटिस भी जारी कर दिए हैं।
मर्जर एक्ट को लेकर हो रही कार्रवाई में सरकार के सामने बड़ी मुसीबत है कि ग्वालियर राजघराने की संपत्ति का बंटवारा नहीं हुआ है। यही कारण है कि कलेक्टर के नोटिस राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे को भी भेजे गए हैं। सरकार इस जांच की गति अब तेज करेगी।

कमलनाथ के खिलाफ कोई कदम नहीं
जहां एक ओर शिवराज के शुभचिंतकों ने राजा और महाराजा को पटकने की पूरी तैयारी कर ली है वहीं दूसरी ओर इसी हमले में शामिल रहे कमलनाथ के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया है। उनके खिलाफ ना तो किसी दस्तावेज को जुटाया गया और ना ही उन्हें टारगेट पर लिया गया। इसे आप इत्तेफाक कहें या कुछ और लेकिन अपने इलाके में कमलनाथ हमेशा पॉवरफुल रहे। चुनाव प्रचार के दौरान भी कांग्रेस के तमाम प्रत्याशियों की परतें उतारी गईं लेकिन भाजपा के किसी भी नेता ने कमलनाथ के खिलाफ कोई बयान जारी नहीं किया। छिंदवाड़ा में हुईं तमाम सभाओं में गांधी परिवार और कांग्रेस को निशाना बनाया गया। कमलनाथ का तो नाम तक नहीं लिया गया था।

भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!