पढ़िए कहां मनाई जाती है महात्मा गांधी की तेहरवीं

श्योपुर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि तो पूरा भारतवर्ष मनाता है पर मध्यप्रदेश का एक इलाका ऐसा भी है जहां के निवासी बापू की तेरहवीं भी हर साल मनाते हैं। मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा पर स्थित रामेश्वर संगम पर इस साल 12 फरवरी को बापू की 67वीं त्रयोदशी क्षेत्र में सद्भावना सम्मेलन के रूप में मनाई जाएगी।

साथ ही जनप्रतिनिधियों से अपील की जाएगी कि वे राष्ट्पिता के विचारों पर चलते हुए आपसी मनमुटाव भुला कर क्षेत्र के विकास के लिए एकजुट होकर काम करें. गांधी विचार मंच के संयोजक और पूर्व विधायक सत्यभानु चौहान ने आज यहां यूनीवार्ता को बताया कि 30 जनवरी  1948 को महात्मा गांधी के निधन के बाद देश के चुनिंदा स्थानों पर उनकी अस्थियों का विर्सजन किया गया था. उनमें से एक स्थान चंबल सीप बनास के संगम पर स्थित रामेश्वर धाम भी था.

इसी के चलते गांधीवादी पिछले 67 वर्षों से रामेश्वर धाम पर उनकी त्रयोदशी निर्बाध रूप से मनाते रहे हैं.  चौहान ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी बापू के प्रिय भजन और प्रार्थना सभा के साथ सहभोज का आयोजन होगा. उन्होंने बताया कि इस साल सद्भावना सम्मेलन के रूप में मनाये जा रहे त्रयेादशी आयोजन में करीब 1000 लोगों को बुलाया गया है जिसमें पंचायत चुनावों में जीते श हारे सरपंच  पंच  जिला और जनपद सदस्यों  नगरपालिका में चुने गए अध्यक्ष  उपाध्यक्ष सहित जिले भर के पार्षदों और उनके प्रतिद्वंदियों को बुलाया गया है. 

कार्यक्त्रम में बतौर अतिथि मुरैना सांसद अनूप मिश्रा  विजयपुर विधायक रामनिवास रावत और श्योपुर विधायक दुर्गालाल विजय को आमंत्रित किया गया है.  चौहान के मुताबिक इस मौके पर हारे और जीते दोनों प्रत्याशियों को संकल्प दिलाया जाएगा कि वे अपने क्षेत्र के काया में अपने मनमुटाव को दूर करते हुए पार्टी लीग से हटकर गांधी विचार के साथ विकास की दिशा में काम करें. 
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