दूसरे की मार्कशीट से हथियाई नौकरी, दस साल बाद फंस गए

ग्वालियर। दूसरे के मूल शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर उसी के नाम से नौकरी प्राप्त करने के मामले में आरोपी प्रेम शर्मा के खिलाफ लगभग 10 साल बाद अब मुकदमा चलेगा। अदालत ने इस प्रकरण के वर्ष 2006 से लंबित होने की अवधि को देखते हुये, प्राथमिकता के आधार पर इसका शीघ्र निराकरण करने आदेष विचारण न्यायालय को दिये हैं। फरियादी षिव प्रसाद मिश्रा ने थाना गोला का मंदिर में आरोपी प्रेम शर्मा उर्फ षिव प्रसाद मिश्रा पुत्र बलदेव शर्मा उर्फ बालादीन मिश्रा निवासी रामा मार्केट के खिलाफ षिकायत की थी कि अभियुक्त प्रेम शर्मा ने षिव प्रसाद मिश्रा के नाम के शैक्षणिक दस्तावेजों को प्रस्तुत करते हुये, एलएनआईपीई के अधिकारियों एवं अन्य के सहयोग से नौकरी प्राप्त की। जबकि वास्तविक षिव प्रसाद मिश्रा म.प्र. राज्य परिवहन निगम में कंडेक्टर हैं। फरियादी के नाम पर 10 साल तक मजे से नौकरी करता रहा और षिकायतों के बाद भी किसी के कानों पर जू नहीं रेंगी।

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