नहीं हो पाई बजट की समीक्षा, विधानसभा स्थगित

भोपाल। अंतत: वही हुआ जिसका अनुमान था। विधानसभा सत्र का कत्ल करने में माहिर भाजपा ने एक बार फिर बजट सत्र को समय से पहले ही समाप्त करवा दिया। आज मप्र के बजट पर प्रश्नकाल था परंतु भाजपा के संसदीय कार्यमंत्री ने कांग्रेस के प्रति निंदा प्रस्ताव पेश किया और हंगामे के बीच सदन अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। आरोपों से बचने के लिए शिवराज सरकार पूर्व में भी ऐसा ही करती रही है, जब जब विपक्ष हावी हुआ, शिवराज सरकार ने किसी ना किसी बहाने से सदन स्थगित कराया। इस तरह के आरोप पूर्व में भी कई बार लग चुके हैं।

ऐसे घटा घटनाक्रम
सदन की कार्रवाई सुबह 10.30 बजे शुरु होते ही संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के आचरण के प्रति निंदा प्रस्ताव लाए जाने का प्रस्ताव रखने के लिए खड़े हुए, जिसका कांग्रेस ने तीखा विरोध किया। नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने कहा कि प्रश्नकाल के पहले निंदा प्रस्ताव लाया जाना विधानसभा के कौन से नियम में है। इस पर मिश्रा ने कहा कि यह संसदीय कार्यमंत्री का विशेषाधिकार है, इसे सुनने के लिए कांग्रेस तैयार नहीं हुई। इस बीच हंगामा देख विधानसभा अध्यक्ष डा. सीतासरन शर्मा ने दस मिनट के लिए सदन की कार्रवाई स्थगित हो गई। दोबारा ग्यारह बजे सदन की कार्रवाई शुरु हुई और संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा निंदा प्रस्ताव रखे जाने के लिए खड़े हुए विपक्ष ने हंगामा शुरु कर दिया।

सत्तापक्ष की ओर से मंत्रियों में गोपाल भार्गव, रामपाल सिंह, माया सिंह, भूपेंद्र सिंह समेत विपक्ष से संसदीय कार्यमंत्री की बात सुनने की बात कही। हंगामा शांत न होने पर दोबारा सदन की कार्रवाई 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। प्रश्नकाल बाधित होने के बाद दोबारा सदन की कार्रवाई शुरु हुई। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के आचरण के प्रति निंदा प्रस्ताव रखा जिसका वन मंत्री डा. गौरीशंकर शेजवार ने समर्थन किया। सदन में भाजपा के बहुमत के चलते निंदा प्रस्ताव पारित हो गया।

लोकतंत्र की हत्या कर रही है कांग्रेस: मिश्रा
कांग्रेस विधानसभा का उपयोग झूठ फरेब के लिए कर रही है जो निंदनीय सदन में हमारे नेता को बोलने नहीं दिया गया। मिश्रा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस व्यापमं मामले को लेकर कांग्रेस एसटीएफ की जांच को भटकाना चाहती है। हम कांग्रेस की बात ईमानदारी से सुनें और हम अपनी बात करें तो कांग्रेस हंगामा शुरु कर देती है। व्यापमं मामले में झूठे आरोप लगाकर कांग्रेस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इमेज को बिगाड़ने का काम कर रही है। इसमें कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हैं।

सत्तारूढ़ दल सदन की कार्रवाई नहीं चलने दे रहा है: कटारे
सत्तारूढ़ दल स्वयं सदन की कार्रवाई को नहीं चलने दे रहा है। सरकार ने बजट रखा हमने सुना। इसके बाद भी गलत आरोप लगा कर सदन को न चलने की बात कही जा रही है। व्यापमं घोटाले में राज्यपाल पर एफआईआर हो चुकी है, मुख्यमंत्री स्वयं इस जांच के घेरे में है। इसलिए कांग्रेस सदन और सदन के बाहर चर्चा से बच रही है।


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