भोपाल। मप्र में चल रहे पंचायत चुनावों में जिला पंचायत सदस्यों की मतगणना पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। मतदान का कार्यक्रम यथावत रहेगा परंतु तीन चरणों में मतगणना नहीं होगी।
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने प्रदेश में हो रहे पंचायतों के आम चुनाव के लिये राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम, जिसमें चुनाव मतदान तीन चरणों में कराने एवं उसी के अनुरूप चुनाव परिणाम के लिए चरणानुसार ही मतगणना करने के कार्य को घोर आपत्तिजनक मानते हुए राज्य निर्वाचन आयुक्त आर. परशुराम को ज्ञापन देकर मांग की गई थी कि मतदान तो चरणानुसार कराने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन तीनों चरणों के मतदान पूर्ण होने के पूर्व चुनाव मतगणना या चुनाव परिणाम घोषित करना गैर प्रजातांत्रिक है, क्योंकि इससे निश्चित रूप से चुनाव निष्पक्ष एवं स्वतंत्र रूप से नहीं हो सकेंगे।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जे.पी. धनोपिया ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम को प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव ने जनहित याचिका के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया, जिसके संबंध में माननीय उच्च न्यायालय ने श्री यादव द्वारा दायर याचिका क्रमांक 22/2015 के संदर्भ में सुनवाई करते हुए आज आदेश पारित कर राज्य निर्वाचन आयोग को आदेशित किया है कि वह जिला पंचायत सदस्यों के निर्वाचन पश्चात् चुनाव परिणाम के लिये मतगणना का कार्य रोकने के लिए स्थगन आदेश जारी किया है।
धनोपिया ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि अभी भी समय है कि राज्य निर्वाचन आयुक्त आर.परशुराम को चाहिये कि वे सत्ता के दबाव में न आयें और प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव करायें तथा प्रदेश में तृतीय चरण का मतदान मतपत्र से कराया जाये तो निश्चित् रूप से ईव्हीएम मशीन की कमी का कोई कारण नहीं रहेगा।