इस्लामाबाद। पाकिस्तान पुलिस ने आतंकवादी समूह 'ghazi force pakistan' को फिर से खड़ा करने की कोशिशों की रिपोर्ट मिलने के बीच कुख्यात लाल मस्जिद से जुड़े करीब 300 पूर्व स्टूडेंट्स की खोजबीन शुरू कर दी है। वर्ष 2007 में लाल मस्जिद के खिलाफ सेना की कार्रवाई में इसके कट्टरपंथी इमाम मौलाना अब्दुल अजीज के छोटे भाई अब्दुल राशिद के मारे जाने के बाद इस आतंकवादी संगठन ने जन्म लिया था।
एक प्रतिष्ठित न्यूज पेपर की रिपोर्ट में बताया गया है कि आतंकवादी संगठन से जुड़े लोगों की निगरानी और उनकी जांच किए जाने की जरूरत है। पुलिस के पास मस्जिद के ऐसे करीब 368 पूर्व छात्रों का रेकार्ड है जिनका अब पता लगाया जा रहा है। ये संदिग्ध पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, अटक, स्वात और बुनेर जैसे विभिन्न जिलों के हैं।
अभी तक 68 संदिग्धों की जांच की गई है और उनमें से लगभग सभी को संदेहों से बरी कर दिया गया है। 23 मार्च 2009 को इस्लामाबाद में पुलिस की स्पेशल ब्रांच पर आत्मघाती हमले, 4 अप्रैल 2009 को फ्रंटियर कांस्टेबुलरी बैरकों पर हमले, 6 जून 2009 को रेस्क्यू 15 पर हमले और 5 अक्तूबर 2009 को वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के ऑफिस पर हुए हमलों समेत कई आतंकवादी गतिविधियों में गाजी फोर्स का हाथ रहा था। वर्ष 2009 में स्वात ऑपरेशन के बाद इसे भंग कर दिया गया था।