नईदिल्ली। कच्चे तेल की कीमतों में भारी कमी और सरकार के उत्पाद शुल्क में लगातार वृद्धि से पेट्रोल पर कुल टैक्स और डीलर का कमीशन उसकी असल कीमत से 39 पैसे प्रति लीटर ज्यादा हो गया है। अगर इसमें तेल कंपनियों का मुनाफा भी जोड़ लें तो यह फर्क करीब सात रुपये प्रति लीटर है।
सरकार ने पिछले हफ्ते उत्पाद शुल्क में दो रुपये की वृद्धि करने के साथ पेट्रोल की कीमत में 2.42 रुपये/लीटर घटाए थे। पेट्रोल की नई कीमत शुक्रवार आधी रात से लागू हो गई लेकिन दिलचस्प बात यह है कि हर बार की तरह सरकार और तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत में शामिल उत्पाद शुल्क, वैट आदि का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया। इंडियन ऑयल कंपनी के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन के कार्यकारी निदेशक अमरीश कपूर ने कहा, ‘पेट्रोल नियंत्रणमुक्त है। ऐसे में उसकी कीमत तय करने से संबंधित ब्योरा सार्वजनिक करने की जरूरत नहीं है।’ मोदी सरकार पेट्रोल में 14.69 रुपये की कमी कर चुकी है लेकिन कच्चे तेल के दाम देखते हुए यह ज्यादा नहीं है।