कोलकाता। पिछले फाइनैंशल इयर के उलट कॉस्ट्यूम जूलरी मैन्युफैक्चरर्स को अब मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कमजोर मैन्युफैक्चरिंग और चीन से सस्ते इंपोर्ट्स की वजह से कॉस्ट्यूम जूलरी मैन्युफैक्चरर्स की हालत खराब होती जा रही है। मौजूदा फाइनैंशल इयर में डिमांड में भी 10-20 पर्सेंट की गिरावट आई है।
इमिटेशन जूलरी मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट मधुभाई पारेख ने कहा, 'इंडस्ट्री के सामने अस्तित्व बचाने का संकट है। नकदी की समस्या बनी हुई है क्योंकि अधिकांश रकम इक्विटी मार्केट में लगाई जा रही है।' फाइनैंशल इयर 2014 में कॉस्ट्यूम जूलरी बिजनस की ग्रोथ रेट 25-30 पर्सेंट थी क्योंकि सोने की कीमत 33,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर जा चुकी थी। इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल कॉस्ट्यूम जूलरी का मार्केट 8,000 से 9,000 करोड़ रुपये का है। वेडिंग सीजन और फेस्टिव डिमांड के कारण अक्टूबर से फरवरी के बीच जूलरी डिमांड में बढ़ोतरी होती है।
मुंबई की श्रुतिका मार्केटिंग एंड मैन्युफैक्चरिंग असोसिएट्स के मोहन अय्यर को लगता है कि इंडियन मैन्युफैक्चरर्स डिजाइनिंग के मामले में इनोवेशन नहीं कर पाए जिसकी वजह से डिमांड में गिरावट आई। उन्होंने कहा कि फैशन जूलरी मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर मुंबई की चमक कम होती जा रही है क्योंकि अब जयपुर, राजकोट और गोरखपुर जैसे नए सेंटर्स उभरकर सामने आ रहे हैं। कॉस्ट्यूम जूलरी में महंगे मेटल्स और जेम्स के मुकाबले ब्रास, कास्ट आयरन, निकेल और प्लास्टिक बीड्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी रीसेल वैल्यू भी बेहद कम होती है और कीमत 100 रुपये से लेकर 30,000 रुपये के बीच होती है। चीन के बाद भारत कॉस्ट्यूम जूलरी का दूसरा बड़ा मैन्युफैक्चरर है। इस तरह की जूलरी की सबसे ज्यादा खपत अमेरिका, यूरोप, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य एशियाई देशों में होती है।
दिल्ली में टेरियट फैशन जूलरी की दिव्या सचदेवा ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले इस साल अक्टूबर में डिमांड 20-25 पर्सेंट घटी है। उन्होंने कहा, 'कॉस्ट्यूम जूलरी बिजनस के लिए यह कठिन समय है।' हालांकि गीतांजलि ग्रुप के चेयरमैन मेहुल चोकसी की राय अलग है। करंट फाइनैंशल इयर में कॉस्ट्यूम जूलरी के बिजनस में गीतांजलि ग्रुप की ग्रोथ रेट 25-30 पर्सेंट है।
चोकसी ने कहा, 'बिजनस में बिल्कुल भी गिरावट नहीं आई है।' इंडस्ट्री के लोगों के मुताबिक, गीतांजलि जैसे बड़े ब्रांड को मार्केट में बने रहने में कोई दिक्कत नहीं होगी क्योंकि भारत में उसका रिटेल बेस बेहद मजबूत है। मुंबई की टॉप जूलरी कंपनी टिप टॉप पॉइंट के पार्टनर राजेश छेड़ा ने कहा कि पिछले फाइनैंशल इयर में दक्षिणी मुंबई की महिलाएं कॉस्ट्यूम जूलरी की खरीदारी कर रही थीं लेकिन 'इस साल ऐसा कुछ नहीं हो रहा है।' कॉस्ट्यूम जूलरी की सबसे ज्यादा डिमांड उत्तरी और पश्चिमी भारत से आती है।