मजदूरी करके डॉक्टर बनाया, बेटे ने फांसी लगा ली

ग्वालियर। क्या किसी बेटे के दिमाग में किसी लड़की का प्यार इतना हावी हो सकता है कि वो अपने मां बाप के बलिदानों को भी भुला दे, यहां एक डॉक्टर युवक ने फांसी लगा ली, क्योंकि वो एक लड़की के प्यार में था।

कांचमिल निवासी डॉ.रामेंद्र सिंह भदौरिया (30) का शव गुरुवार सुबह फांसी पर लटका देखकर उसके माता-पिता अपने होश खो बैठे। रामेंद्र ने पहले तकिया का खोल निकालकर उसे चेहरे पर पहना और उसके बाद गले में डिस्क की केबल डालकर फांसी लगा ली। डॉ.रामेंद्र भदौरिया बिड़ला हॉस्पिटल में आईसीयू इंचार्ज थे।

नहीं मिला कोई सुसाइड नोट
हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे में सोसाइड नोट तलाश किया, पुलिस को कोई सोसाइड नोट नहीं मिला है।

चौकीदारी की, लेकिन बेटों को पढ़ाया
नारायण सिंह भदौरिया जेसीमिल में नौकरी करते थे। मिल में ताला लगने के बाद उन्होंने चौकीदारी की और अपने दोनों बेटों को पढ़ाया। माता-पिता की मेहनत का ही परिणाम था कि बड़ा बेटा एग्रीकल्चर में क्लास- टू का ऑफिसर है और वर्तमान में धार में पदस्थ है। छोटा बेटा रामेंद्र डॉक्टर था।

प्रेम प्रसंग में लगाई फांसी
शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला है कि डॉ. रामेंद्र का एक महिला चिकित्सक के साथ प्रेम प्रसंग था, लेकिन महिला चिकित्सक के परिजन डॉ. रामेन्द्र को पसंद नहीं करते थे। उन्होंने शादी से साफ इनकार कर दिया था। उसके बाद डॉ.रामेंद्र ने फांसी लगाकर खुदकुशी की है।

शुरुआती जांच में पता चला है कि डॉ.रामेंद्र साथ में ही कार्य करने वाली महिला चिकित्सक से प्रेम करते थे। उनसे ही शादी करना चाहते थे लेकिन महिला चिकित्सक के परिजन किसी भी सूरत में इस शादी के लिए राजी नहीं थे। आशंका है कि इसी कारण से डॉक्टर ने सुसाइड किया है। जांच की जा रही है।
विवेक अग्रवाल
सीएसपी(आईपीएस)

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