राकेश दुबे@प्रतिदिन। देश के राजनैतिक दल अपने तरीके से चलते हैं, वे किसी आयोग की बात नहीं मानते| केन्द्रीय सूचना आयोग के इस फैसले का भी वही हश्र होगा जो इसके पहले सूचना आयुक्त सत्यानन्द मिश्रा द्वारा दिए गये आदेश का हुआ था| यह बेबाक टिप्पणी बिहार राजद के एक नेता आज फोन पर की| फैसला बिहार के निवासी सूचना आयुक्त ने बिहार के राजद के बारे में दिया है| मानने वाली केंद्र सरकार है|
केंद्रीय सूचना आयोग ने शहरी विकास मंत्रालय को निर्देश दिए हैं कि वह राजनीतिक दलों को आवंटित की गई भूमि और बंगलों से जुड़े सभी रिकॉर्डों को सार्वजनिक करे और इनसे जुड़ी जानकारियों को अपनी वेबसाइट पर डाले। आयोग ने मंत्रालय को यह भी आदेश दिए कि वह राजद के मुख्यालय का नाम 'राबड़ी भवन' करने से संबंधित सवालों को लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले राजनीतिक दल के पास भेज दे।
सूचना आयुक्त यशोवर्धन आजाद ने बताया, 'आयोग केंद्रीय जन सूचना अधिकारी को निर्देश देता है कि वह सभी पंजीकृत राजनीतिक दलों के सभी दस्तावेजों, पत्राचारों, दिशानिर्देशों और सर्कुलरों को यह आदेश मिलने के चार सप्ताह के भीतर संबंधित प्राधिकरण (शहरी विकास मंत्रालय) की वेबसाइट पर डाले और आयोग को इसकी जानकारी दी जाए।'
आयुक्त ने निर्देश दिए कि इस आदेश को शहरी विकास मंत्रालय के सचिव के पास भी भेजा जाए। यह मामला दरअसल कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल द्वारा उठाए गए सवालों से जुड़ा है। अग्रवाल मंत्रालय से राउस एवेन्यू स्थित राष्ट्रीय जनता दल के मुख्यालय का नाम 'राबड़ी भवन' किए जाने के बारे में जानना चाहते थे। इस पर पार्टी के नेता नवल किशोर राय ने भी आपत्ति जताई थी।
लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
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rakeshdubeyrsa@gmail.com
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