प्रतिनियुक्ति पर गए कर्मचारियों को नहीं होगा पेंशन का अधिकार

इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि पूर्व विभाग से नये विभाग में प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद पूर्व विभाग से इस्तीफा दे देने पर मूल विभाग से कर्मचारी का अधिकार समाप्त हो जाता है। ऐसी स्थिति में कर्मचारी पूर्व विभाग में अपने किये कार्य के आधार पर पेंशन पाने का अधिकारी नहीं होगा।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी वाई चन्द्रचूड व न्यायमूर्ति सुनील कुमार की खण्डपीठ ने आनंद कुमार सक्सेना की विशेष अपील को खारिज करते हुए दिया है। न्यायालय ने इस फैसले को देने में सिविल सर्विस रेगुलेशन के नियम 418-ए को आधार बनाया है तथा कहा है कि इस प्राविधान के अन्तर्गत यदि कोई कर्मचारी दूसरे विभाग में प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद पूर्व विभाग से अपना इस्तीफा दे देता है तो वह पूर्व विभाग की सेवाओं के आधार पर पेंशन पाने का अधिकारी नहीं होगा।

अपीलार्थी सक्सेना शाहजहांपुर में जिला गन्ना अधिकारी के आफिस में जूनियर क्लर्क के रूप में 28 अक्टूबर 70 को नियुक्त हुआ था और 6 फरवरी 75 तक वह इस पद पर बना रहा। वर्ष 1974 में वह प्रति नियुक्ति पर गन्ना विभाग में फी पेड आडिटर पद पर चला गया तथा बाद में 9 सितम्बर 83 को जिला गन्ना अधिकारी के क्लर्क पद से इस्तीफा दे दिया था।

याची की मांग थी कि वर्ष 1970 से 1983 तक की गन्ना अधिकारी कार्यालय में की गयी सेवाओं के आधार पर उसे पेंशन दी जाए। कोर्ट ने याची अपीलार्थी की इस मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस्तीफा देने के बाद पूर्व पद की पेंशन नहीं मिल सकती। हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला |

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