AEO बनने से वंचित हो गए हजारों योग्य अध्यापक

मध्यप्रदेश शासन के नीति निर्धारक किस तरह बेपरवाह होकर नीति निर्माण करते है। यह वर्तमान में क्रियाशील हो रही राज्य शिक्षा सेवा के आरम्भ में ही दिखाई देने लगा है। वर्तमान में हो रही AEO की भर्ती इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। शासन के नियमों को ध्यान में रखते हुए हजारों अध्यापक जो 2013 में पदोन्नत हुए थे या फिर 2006 में संविदा 2 में आये थे, AEO की परीक्षा देने से वंचित हो गए थे। गोया कुछ लोकसेवकों ने शासन के नियमों की खुली अव्हेंलना कर अनुभव की पात्रता न होते हुए भी परीक्षा दी थी। आज उन्हें शासन ने उनके इस कृत्य के लिए उपकृत भी कर दिया और नियमो को मानने वाले अनिश्चितता के आकाश में अनंत काल के लिए धकेल दिए गए।

अस्तु इस अन्याय के विरुद्द आवाज उठाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। मै हमारे तथाकथित संघो से निवेदन करता हूँ की वे जागें और इस अन्याय के प्रति आवाज बुलंद करें।

अनिल कोठेकर
अध्यापक शासकीय नवीन माध्यमिक शाला
घोघरी छिंदवाडा

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