उपदेश अवस्थी/भोपाल। ब्लैकमनी को मुद्दा बनाकर सत्ता में आई मोदी सरकार अब ब्लैकमनी के नाम पर आम नागरिकों का जीवन ही मुश्किल किए दे रही है। हालात यह बनाए जा रहे हैं कि लोग अपने आप कहने लग जाएं कि यह झंझट मिटाओ, हमें नहीं चाहिए ब्लैकमनी।
सरकार आम नागरिकों पर 2 टैक्स थोपने की योजना बना रही है। फिलहाल ग्राउंड तैयार किया जा रहा है। सरकार जानती है कि भारत में यदि आम नागरिकों की धार्मिक भावनाओं एवं पारिवारिक रिश्तों से छेड़छाड़ ना की जाए तो भारतीयों में अत्याचार सहने की अदम्य क्षमता है। इसी का लाभ सरकारें हमेशा उठातीं आईं हैं।
अब 2 नए टैक्स भूत लाए जा रहे हैं। फ्रिंज बेनीफिट टैक्स (एफबीटी) और बैंकिंग कैश ट्रांजेक्शन टैक्स (बीसीटीटी) को कुछ ऐसा बनाया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके प्रभाव में आएं। इसमें बैंकिंग कैश ट्रांजेक्शन टैक्स तो ऐसा है जो आम नागरिक को उस समय प्रभावित करेगा जब उसे पैसों की सबसे ज्यादा जरूरत होगी।
बैंकिंग कैश ट्रांजेक्शन टैक्स के तहत सरकार आपके अपने बैंक अकाउंट में जमा पैसों के विड्राल पर टैक्स लगाने जा रही है। आप दिनरात कड़ी मेहनत करके पैसा कमाते हो। माचिस से लेकर मोटर कार तक आप जो कुछ भी उपयोग करते हो, हर चीज पर टैक्स अदा करते हो। बावजूद इसके इनकम टैक्स भी अदा करते हो। 2—4 और भी टैक्स हैं जो आप बेवजह अदा करते हो।
इस सबके बाद जो कौड़ी कौड़ी करके आप अपने सेविंग अकाउंट में कुछ पैसा जमा करते हो, अब आप विपत्ती के समय उसे एक साथ विड्रा भी नहीं कर पाओगे। ब्लैकमनी कंट्रोल के नाम पर सरकार ने उस पर टैक्स थोपने की तैयारी कर ली है।
कर प्रशासन और सुधार आयोग ने अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को भेज दी है। पार्थसारथी शोम की अध्यक्षता में बनी समिति ने वित्त मंत्रालय को तीसरी रिपोर्ट दी है। इससे पहले यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में साल 2005 में बीसीटीटी लगाया गया था। हालांकि, यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में बीसीटीटी को वापस ले लिया गया था। समिति ने सुझाव दिया है कि एक दिन में अपने बैंक अकाउंट से तय सीमा से अधिक पैसे निकालने पर आपको उस पर टैक्स चुकाना पड़ सकता है। आप एक दिन में अपने ही बैंक अकाउंट से 50 हजार रुपए से ज्यादा नहीं निकाल पाओगे, निकालोगे तो आपको टैक्स चुकाना होगा।
समझ नहीं आता, यह कैसा ब्लैकमनी कंट्रोल है। आप केवल टैक्स लोगे और चुप हो जाओगे। जिसने सचमुच काली कमाई की है उसे टैक्स अदा करने में कोई परेशानी नहीं होगी परंतु जरा सोचिए एक आम कर्मचारी जिसकी सालाना बचत 2 लाख रुपए है, यदि वह बीमार हो जाता है, घर में कोई विपत्ती आती है, परिवार में कोई गंभीर रूप से बीमार हो जाता है तो वह अपने ही सेविंग अकाउंट से पैसा नहीं निकाल पाएगा। उसके अपने सेविंग अकाउंट पर टैक्स लगाया जाएगा।