भोपाल। 7 दिसंबर 1984 को भोपाल का मोस्टवांटेड हत्यारा वारेन एंडरसन जिस सरकारी विमान से फरार हुआ था, बाद में उसे छिंदवाड़ा सांसद कमलनाथ के बेटे ने खरीदा। 5 जुलाई 2006 तक यह विमान कमलनाथ के बेटे के पास ही था और यहां एंडसनर के जुड़े दस्तावेज तलाशे जा रहे थे, विमान में लागबुक मौजूद थी परंतु कमलनाथ के बेटे ने वह उपलब्ध नहीं कराई और उसे एक विदेशी कंपनी को बेच दिया।
भोपाल। 7 दिसंबर 1984 को किसके आदेश पर यूनियन कार्बाइड के चेयरमैन वारेन एंडरसन को दिल्ली पहुंचाया गया था। आधिकारिक रूप से कभी भी इस बात का खुलासा नहीं हुआ था। लेकिन राज्य सरकार के विमान के तत्कालीन पायलट कैप्टन सैय्यद हाफिज अली ने गैस त्रासदी जांच आयोग के सामने इस बात का खुलासा किया था कि विमान ने मुख्यमंत्री के आदेश पर उड़ान भरी थी।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार अली ने जस्टिस (एस एल कोचर) आयोग के सामने दिए बयान में यह स्वीकार किया था कि 7 दिसंबर की उड़ान को मुख्यमंत्री का आदेश प्राप्त हुआ था। विमान की लॉग बुक में फ्लाइट अथोराइज्ड बाय सीएम का उल्लेख भी किया गया था। कैप्टन अली ने वीटी-ईआईडी किंग एयर-200 सी विमान से एंडरसन को दिल्ली पहुंचाया था, इस उड़ान में कैप्टन ग्रोवर उनके सह-पायलट थे।
उल्लेखनीय है कि त्रासदी के बाद एंडरसन को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कुछ ही घंटों के भीतर उसे जमानत भी मिल गई थी। इसके बाद वह दिल्ली और वहां से विदेश भाग गया था। तब से लेकर अब तक इस प्रकरण में वह वांछित और फरार घोषित है। हालांकि इसी वर्ष सितंबर 2014 में अमेरिका में उसकी मौत हो गई।
2004 में सेवानिवृत हो चुके कैप्टन अली के अनुसार, दिल्ली पहुंचने के बाद उन्हें पता चला था कि विमान में भोपाल का दोषी एंडरसन सवार था।
मध्यप्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच के लिए 2004 में एकल सदस्यीय जांच आयोग की स्थापना की थी। जांच में पता चला कि जिस लॉग बुक में विमान को दिल्ली ले जाने का उल्लेख किया गया है, वह अब भारत में नहीं है।
राज्य शासन ने 1998 में उस विमान को स्पेन एयर प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया था। यह कंपनी पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ के पुत्र की थी। विमान खरीदने के बाद इस कंपनी को एक अन्य कंपनी को बेच दिया गया, और इसी के साथ विमान की लॉगबुक भी भारत से बाहर पहुंच गई। सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश सरकार का यह पूर्व विमान 5 जुलाई 2006 तक दिल्ली हवाई अड्डे पर ही मौजूद था।
कैप्टन अली ने अंग्रेजी अखबार को बताया कि भोपाल के स्टेट हैंगर पर एंडरसन को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक स्वराज पुरी ने पहुंचाया था और इसके बाद दिल्ली में एक अनजान व्यक्ति ने उनका स्वागत किया था।
जस्टिस कोचर आयोग ने हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय से एंडरसन की गिरफ्तारी और रिहाई तथा राज्य सरकार के विमान के संबंध में जानकारियां मांगी हैं।