नहीं सुलझ रही है जर्जर पड़ी हुई सड़कों की समस्या

दिव्यांशु तिवारी/नलखेड़ा। मध्यप्रदेष आज भारत के उन राज्यों में आता है, जिसका नाम विकास के हर मोड़ पर लिया जाता है। हिन्दुस्तान के विकासषील राज्यो में आने वाला यह प्रदेष अनेक धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों का प्रदेष है, जिसमें उज्जैन(महांकाल ज्योर्तिलिंग), ओंकारेष्वर ज्योर्तिलिंग, महेष्वर(नर्मदा तट), ग्वालियर का  किला, जबलपुर में भेड़ाघाट, पंचमढ़ी भीमबेटका की गुफाएँ जैसे अनेक स्थलों सहित नलखेड़ा, माँ बगलामुखी की नगरी जो कि विष्व प्रसिद्ध है। इनमें से लगभग सभी धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों तक पहुँचने के लिए सुव्यवस्थित पहुँच मार्ग है।

जबकि माँ बगलामुखी की नगरी नलखेड़ा में पहुँचने के एक भी मार्ग सुरक्षित एवं व्यवस्थित नहीं है। हालाकि नलखेड़ा नगर में आवागमन के लिए कुछ दुरियों जैसे नलखेड़ा-आमला मार्ग, नलखेड़ा-बड़ोदिया मार्ग, नलखेड़ा-कानड़ मार्ग, नलखेड़ा-छापीहेड़ा मार्ग, नलखेड़ा-मोड़ी मार्ग,   राजमार्गो से मिले हुए है, परन्तु इन मार्गो की स्थिति संबंधित मार्ग ठेकेदारों एवं लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के चलते बद से बदतर होती जा रही है।

जानलेवा इन मार्गो के गड्डों व बिना भरी साइडो से आए दिन वाहनों के पलटने जैसी घटनाएँ घट रही है परन्तु संबंधित ठेकेदारों व विभाग के कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रही है। उक्त मार्गो से प्रतिदिन कई यात्री बसे ट्रेक्टर-ट्रालियों सहित अनेक प्रकार के दो व चार पहिया वाहन गुजरते रहते है। जिन्हें कई इंच नीचे तक बैठ चुकी खराब साइडो, बड़े-बड़े गड्डो से गुजरना पड़ता है जिसके कारण गुजरने वाले वाहनो की स्थिति भी भंगार जैसी हो जाती है। व दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है।

सिंहस्थ मे रहेगा पड़ाव
उज्जैन में वर्ष 2016 में होने वाले सिंहस्थ के मद्देनजर क्षैत्र को सिंहस्थ का पड़ाव क्षैत्र भी तय किया गया है। जिसके कारण यहाँ आने वाले यात्रियों की संख्या में भी इजाफा होगा इसके बावजूद संबंधित मार्ग ठेकेदारों द्वारा मार्गो की स्थिति भी दुरूस्त करना उचित समझा जा रहा है। और न ही लोक निर्माण विभाग इस और कोई ध्यान दे रहा है। जबकि माँ बगलामुखी मन्दिर पर दूर-दूर से कई पर्यटक, श्रद्धालु सहित कई वीआईपी व वीवीआईपी लोगो का आना जाना लगा रहता है ऐसे में विभाग और ठेकेदारो द्वारा मार्गो के रख-रखाव व मरम्मत में बरती जा रही लापरवाही से लोगो में खासा आक्रोष पनप रहा है।

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