भोपाल। चुनावी मौसम अब समाप्ति पर है। नगरीय निकाय चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं और पंचायत चुनाव राजनैतिक दलों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं होते अत: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने अब अपनी नई कांग्रेस बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि ब्लॉक से लेकर प्रदेश कार्यसमिति तक सारे के सारे पदाधिकारियों को बदल दिया जाएगा और नए चेहरों को मौका दिया जाएगा।
नए साल में पीसीसी भंग कर 72-75 पदाधिकारियों की नई टीम बन सकती है। जनवरी के दूसरे पखवाड़े में नई टीम का ऐलान हो सकता है, वहीं, संगठन चुनाव भी आगे बढ़ सकते हैं। केन्द्रीय संगठन ने सदस्यता अभियान की अंतिम तारीख फरवरी तक बढ़ा दी है।
प्रदेश कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि अरुण यादव को जनवरी में प्रदेशाध्यक्ष बने एक साल हो जाएंगे। कुछ एक पदाधिकारियों को छोड़ दिया जाए तो यादव ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया की कार्यकारिणी से काम चलाया पर अब चुनावों का सिलसिला थम चुका है।
संगठन को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं में संघर्ष का जज्बा जगाने के लिए नई टीम का गठन जरूरी हो चला है। सालभर में हुए आंदोलन और कार्यक्रमों को आधार बनाकर टीम में बदलाव किया जाएगा।
फेरबदल प्रदेश से लेकर ब्लाक स्तर तक होगा। होशंगाबाद, आगर-मालवा सहित अन्य जिलों में जहां नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति होगी, वहीं चार दर्जन से ज्यादा ब्लाक अध्यक्षों को बदला जा सकता है। संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि सदस्यता अभियान अब 31 दिसंबर की जगह 28 फरवरी तक चलेगा। इसके चलते जुलाई में प्रस्तावित संगठन चुनाव भी आगे बढ़ सकते हैं।
इनका कहना है
चुनावी प्राथमिकताएं लगातार आती रहीं, इस वजह से पीसीसी का पुनर्गठन टलता रहा है। प्रदेशाध्यक्ष के मनोनयन को भी जनवरी में एक साल पूरे हो रहे हैं। अब चार साल भाजपा सरकार से संघर्ष करना है। इसके लिए नए, बेदाग और ऊर्जावान लोगों की टीम का गठन जल्द ही किया जाएगा। इसकी कवायद भी दो-तीन स्तरों पर शुरु की दी गई है।
केके मिश्रा, मुख्य प्रवक्ता, मप्र कांग्रेस