भोपाल। पंजाब के जालंधर में 139वें हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन में हिस्सा लेने आए सरोद सम्राट उस्ताद अमजद अली खान ने रविवार शाम को यहा कहा कि मध्य प्रदेश सरकार उनके परिवार के साथ लगातार भेदभाव कर रही है। अपने स्वर्गीय पिता पदम भूषण हाफिज अली खान की 42वीं बरसी पर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसी प्रकार की श्रद्धांजलि न देने से बेहद दुखी सरोद सम्राट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले को गंभीरता से लेने और इसमें हस्तक्षेप करने की अपील की।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान अमजद अली खान ने कहा कि उनका परिवार तो फकीरी में रहते हुए छह पीढि़यों से संगीत की सेवा करता रहा है। बरसी पर अपने पिता से जुड़ी एक घटना बताते हुए उन्होंने कहा कि जब 1960 में पिता हाफिज अली खान को पदम भूषण पुरस्कार मिला तो उसे लेने पूरा परिवार किराये की टैक्सी से राष्ट्रपति भवन गया। तब तक उनका परिवार ग्वालियर में किराये के मकान में रहता था।
दुखी नजर आ रहे अमजद अली खान ने कहा कि पदम अलंकरण के बाद जब जवाहर लाल नेहरू और राजेंद्र प्रसाद ने उनके पिता से कुछ मागने को कहा तो उन्होंने उनसे संगीत में राग दरबारी की शुद्धता के लिए कुछ कदम उठाने की माग की और अपने लिए कुछ नहीं मांगा। साल 2001 में पदम विभूषण पुरस्कार पा चुके अमजद अली खान ने कहा कि संगीत के लिए समर्पित ऐसे परिवार के साथ मध्य प्रदेश सरकार का भेदभाव करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि उन्हें अफसोस है कि वह ग्वालियर (मध्य प्रदेश) से जुड़े हैं। सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि रस्मी सरकारी कार्यक्रमों में भी उनके परिवार को सरकार नहीं बुलाती है। मध्य प्रदेश के भारत भवन के ही ट्रस्टी ऐसे लोग हैं जिनका संगीत से कोई लेना-देना नहीं है। अंत में उन्होंने कहा कि चूंकि भारत में कलाकार एकजुट नहीं हैं, इसलिए उनकी यह दशा है।