धर्मांतरण | लोकसभा में हंगामा, प्रेसीडेंट पर फैंका पेपर

नई दिल्ली। धर्मांतरण और कालेधन के मुद्दे को लेकर राज्यसभा और लोकसभा, दोनों ही सदनों में सोमवार को हंगामा होता रहा। कई दफा संसद की कार्यवाही बाधित हुई। हंगामे के दौरान राजद सांसद पप्पू यादव ने लोकसभा अध्यक्ष पर पेपर भी फेंके।

जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही को चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हालांकि बाद में उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए इस बात से इंकार किया कि उन्होंने लोकसभा उपाध्यक्ष पर पेपर फेंके। उन्होंने कहा कि वह उनके समीप तक गए ही नहीं थे। तय समय के बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हो गई है। राज्य सभा में भी धर्मांतरण के मुद़दे पर हुए हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान को लेकर विपक्ष हंगामा कर रहा है गौरतलब है कि भागवत ने रविवार को कहा था कि अगर कोई अपने आप घर वापसी करना चाहे तो इसमें बुरा क्या है। ये तो अच्छा काम है अगर किसी को बुरा लगता है, तो इसमें कुछ नहीं किया जा सकता। विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री के बयान पर अड़ा हुआ है।

इस बीच राज्य सभा में आज मुंबई हमले के साजिशकर्ता जकिउर रहमान लखवी को पाकिस्तानी कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के खिलाफ निंदा प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके अलावा पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के मुद्दे पर दोहरी नीति अपनाए जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई।

इससे पहले माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि जिस तरीके से संघ प्रमुख ने बात की। यह भाजपा की सुनियोजित साजिश नजर आ रही है। भाजपा जो संसद में बोल रही है उसके ठीक विपरीत है। संघ प्रमुख का बयान सीधे-साधे लोगों के अंदर जज्बात भड़काने का काम कर रहे हैं।
उनका असली रूप नजर आ रहा है। जो वायदे किए थे, वो टूट रहा है। इस असंतोष को डायवर्ट किया जा रहा है। सांप्रदायिकता की ओर मोड़ रहे हैं। मुझे नहीं लगता है संसद चल पाएगी। पीएम के आश्वासन का कोई मतलब नहीं रहा। स्पष्ट रूप से वित्त मंत्री कहते हैं कि वो और पीएम दोनों संघ से संबंधित हैं। अब साफ हो गया है कि सरकार कहां से चल रही है।

जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि संघ प्रमुख और उनके सहयोगी संगठनों द्वारा दिए जा रहे बयानों पर मोदी जी अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए वो विकास के साथ है या फिर इन बयानों के साथ है। वहीं एसपी नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि अब पीएम चुप नहीं रह सकते हैं। मिलीभगत है सरकार और संघ की। देश में नरसंहार करना चाहते हैं। पीएम के अलावा कौन बयान दे सकता है। संघ प्रमुख के बयान पर पीएम जवाब दें।

इससे पहेल विदेशों से कालाधन वापस लाने के मुद्दे पर आज तृणमूल कांग्रेस, राजद और सपा के सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। सांसद हाथों में तख्तियां लेकर सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे।

गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन में जवाब की मांग पर अड़ा है। संसद का शीतकालीन सत्र खत्म होने में केवल दो दिन बचे हैं और ऐसे में कुछ पार्टियों के कड़े विरोध को देखते हुए सरकार के आर्थिक सुधारों का एजेंडा विशेषकर बीमा विधेयक एवं कोयला विधेयक की किस्मत अधर में लटकी हुई है। इस बीच यह सूचना आ रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य सभा में धर्मांतरण मुद्दे पर बयान दे सकते हैं।

If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!