चिड़ियाघर के टाइगर का कोबरा ने किया शिकार

इंदौर। कमला नेहरु प्राणी संग्रहालय में बने बाघ के पिंजरों के पास जिस भी दिशा से कोबरा प्रवेश करता उससे किसी भी टाइगर का शिकार संभव था। क्योंकि पहला और छठा पिंजरा खाली था और बाकी में बाघ थे। यदि पीछे से कोबरा पिंजरे में प्रवेश करता तो शिवानी से उसका सामना होता।

पास के नाले या बाड़े में ही था कोबरा
जिस कोबरा ने टाइगर को काटा है, वह संभवत: चिड़ियाघर के खेत, पास के नाले या फिर टाइगर के पिंजरे के पास लगे बाड़े का हो सकता है। पिंजरे की दिवार के ठीक पीछे नाला है। वहां से भी कोबरा प्रवेश कर सकता है। जू में खेत के अलावा कई जगह खाली हैं वहां से भी आसानी से कोबरा पहुंच सकता है।

दूसरे नंबर के पिंजरे में था रज्जन
रोज शाम टाइगरों को अपने-अपने पिंजरे में बंद कर दिया जाता है। जू में 10 बाय 10 के छह पिंजरे हैं। पहला पिंजरा खाली था, दूसरे में रज्जन, तीसरे में सीता, चौथे में दीया, पांचवें में शिवानी और छठा पिंजरा खाली था। सुबह खाना देने के बाद बाघों को बाड़े में छोड़ दिया जाता है। शाम को खाने के लिए फिर उन्हें फिंजरों में बंद कर दिया जाता है।

पहले सांप और टाइगर दिख चुके साथ-साथ
चिड़ियाघर के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि पहले भी जू में सांप और टाइगर साथ-साथ दिख चुके हैं। दीया, शिवानी, रिद्धी और सिद्धी का भी सांप से खुले बाड़े में मुकाबला हो चुका है, लेकिन तब सांप की ही मौत हुई थी।

कुनबा बढ़ाने के लिए लाए थे
चिड़ियाघर प्रबंधन एक साल की लंबी मशक्कत के बाद भिलाई से रज्जन को जू में लेकर आया था। रज्जन की उम्र करीब तीन वर्ष थी। इसे यहां लाने का मकसद सफेद टाइगर का कुनबा बढ़ाना था। जू में दीया, सीता और शिवानी मादा सफेद टाइगर हैं।

दीया सीता और शिवानी हुई उदास
जो दीया, सीता और शिवानी कुछ दिनों पहले तक रज्जन को अपने पास नहीं आने दे रही थीं, लेकिन शनिवार को जब उन्हें बाड़े में खोला गया तो वह रज्जन के बिना उदास दिखीं। तीनों एक ही जगह आकर बैठी रहीं।

सुरक्षा पर उठते सवाल
चिड़ियाघर में बाघों का पहले भी सांप से मुकाबला हुआ तो फिर क्यों समय रहते ध्यान नहीं दिया गया ?
अब तक क्यों नहीं लग के सीसीटीवी कैमरे ?
जब कोबरा और रज्जन में संघर्ष चल रहा था तब तक कोई सिक्युरिटी गार्ड क्यों नहीं पहुंचा ?
जब सांप पिंजरे के अंदर आसानी प्रवेश कर सकते हैं तो उन्हें ठीक से कवर क्यों नहीं किया गया ?
खेतों और नाले के रास्ते से सांप, कोबरा आसानी से आकर किसी भी दर्शक को काट सकता है।
घटना के दौरान कोई सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं पहुंचा
अभी तक सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं लग पाए ?
रज्जन को बचाने के लिए कोई प्रयास क्यों नहीं किए गए ?
ऐसे तो कोई भी सांप या कोबरा दर्शकों को अपना निशाना बना सकते हैं ?
आगे से पिंजरों में क्या किया जाएगा ?
जब पहले भी सांप और बाघ का संघर्ष हो चुका था तो क्यों कोई प्रयास नहीं किए गए

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