भरे मंच से यशोधरा राजे पर तोमर ने ताने तीर

भोपाल। मप्र की उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया एक बार फिर विरोधियों के निशाने पर हैं। भाजपा में सिंधिया विरोध को पर्याप्त पोषण देने वाले केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने ग्वालियर के चेम्बर आॅफ काॅमर्स के सार्वजनिक आयोजन में, यशोधरा राजे सिंधिया की उपस्थिति में उन पर तंज कसे। हालांकि यशोधरा राजे ने भी विनम्रतापूर्वक उनके तानों का जवाब दिया।


विषय था चेम्बर आॅफ काॅमर्स के नए भवन का शुभारंभ। आमंत्रित अतिथि थे केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं राज्य सरकार की केबीनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया। भरी सभा को संबोधित करते हुए नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा

राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने राजशाही के बाद लोकशाही को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया था, उनके व्यक्तित्व को शब्दों में बांधना कठिन हैं, राजमाता ने लोकतंत्र को आत्मसात किया था। कम उम्र में राजमाता के साथ सार्वजनिक जीवन में मुझे काम करने का मौका मिला, मैंने उनसे काफी कुछ सीखा। आज भी देश में कई लोग ऐसे हैं, जो राजतंत्र में रहने के बाद लोकतंत्र को नहीं अपना सके, इसके विपरीत राजमाता ने राजशाही सुखों का त्याग कर गरीबों के आंसू पोंछने के लिये विपक्ष की राजनीति को अपनाया। लोकतंत्र की रक्षा हेतु आपातकाल में जेल की यातना भोगीं, अंचल में डकैत समस्या के निदान के लिये अथक प्रयास किये, यही कारण रहा कि राजमाता को लोकमाता का दर्जा मिला।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं मप्र की उद्योग मंत्री यशोधरा राजे ने भी इशारों इशारों में तोमर को जवाब दिया कि
मेरे पिता जीवाजी राव सिंधिया ने चेम्बर की नींव रखते समय सोचा था कि यह संस्था शहर के आर्थिक स्वास्थ्य का समूह बने, राजनीति का अखाड़ा नहीं।

कुल मिलाकर चेम्बर आॅफ काॅमर्स का यह आयोजन राजनीति का अखाड़ा बन ही गया। बताया तो यह भी जा रहा है कि चेम्बर आॅफ काॅमर्स भवन का नामकरण राजमाता के नाम पर ना हो, इसके लिए तोमर के समर्थकों की ओर से काफी प्रयास किए गए थे परंतु ऐसा हो ना सका।

नई बात यह है कि पहली बार यशोधरा राजे सिंधिया ने राजनीति का जवाब राजनीति से दिया। तुनकमिजाजी नहीं दिखाई

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