भोपाल। प्राइवेट कॉलेजों में संचालित बीएड, बीपीएड, एमएड और एमपीएड कोर्स की फीस बढ़ेगी। नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) के नए रेगुलेशन के हिसाब से अब इन काेर्स की फीस दो साल के हिसाब से तय होगी।
प्रवेश एवं शुल्क निर्धारण विनियामक समिति प्रदेश के प्राइवेेट कॉलेजों में संचालित बीएड, बीपीएड, एमएड और एमपीएड की फीस फिर से तय करेगी। इसके साथ ही चार साल के बीएलएड और तीन साल के बीएड-एमएड इंटीग्रेटेड कोर्स की भी फीस तय होगी। एनसीटीई के रेगुलेशन 2014 जारी करने के बाद फीस कमेटी सभी एजुकेशन कोर्सेस की फीस की समीक्षा करने जा रही है। फीस कमेटी पहले ही बीएड, बीपीएड, एमएड और एमपीएड की फीस तीन साल के लिए तय कर चुकी है।
फीस का निर्धारण कॉलेजों द्वारा शुरू किए जाने वाले कोर्स के आधार पर तय होगा। अभी तक फीस कमेटी एजुकेशन पाठ्यक्रमाें में केवल बीएड, बीपीएड, एमएड और एमपीएड की ही फीस तय करती आयी है। नए रेगुलेशन में एनसीटीई ने करीब 15 कोर्स लॉन्च किए हैं।
इनमें आठ कोर्स नए हैं। फीस निर्धारण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए जनवरी के पहले हफ्ते में बैठक आयोजित की जा रही है। बीएड, बीपीएड, एमएड और एमपीएड काेर्स की अवधि दो-दो साल की होने के बाद फीस स्ट्रक्चर में थोड़ा बदलाव आने की की संभावना व्यक्त की जा रही है। फीस कमेटी के चेयरमेन प्रो. टीआर थापक के अनुसार एनसीटीई के नए रेगुलेशन की फिलहाल स्टडी की जा रही है। फीस का निर्धारण रेगुलेशन के तय मापदंड के अनुसार ही किया जाएगा।
बीएड 25000 से 35000 रुपए तक
एमएड 30000 से 50000 रुपए तक
बीपीएड 25000 से 35000 रुपए तक
एमपीएड 40000 से 50000 रुपए तक