परिवहन आरक्षक भर्ती घोटाला: 8 से 10 लाख में लगी नौकरी

ग्वालियर। परिवहन आरक्षक भर्ती घोटाले में अभी तक एसटीएफ ने 9 संदिग्ध परिवहन आरक्षकों से पूछताछ कर चुकी है। अधिकांश ने अपनी नौकरी लगवाने के बदले 8 से 10 लाख रूपये दिये जाने की बात कही है। कुछ ने आरोपी नितिन महिन्द्रा और पंकज त्रिवेदी का नाम लिया।

एक-दो ने परिवहन विभाग के अफसरों के नाम लिये हैं, जिन्होंने उनकी डील कराई थी। एसटीएफ द्वारा मुकदमा दर्ज करने के बाद 24 आरक्षकों को चैक पोस्ट से हटाकर मुख्यालय में पदस्थ किया था, इनमें से 9 से आमद दर्ज कराई है। 15 अभी तक गायब हैं। काँग्रेस द्वारा विधानसभा में मामला उठाने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा, पिछले माह 39 लोगों के विरूद्ध धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। एसटीएफ ने युसुफ व अभिजीत को गिरफ्तार कर पूछताछ की उन्होंने बताया कि सर हमारा क्या दोष 8 से 10 लाख रूपये दिये तब लगी नौकरी। पूछताछ में नितिन महिन्द्रा व पंकज त्रिवेदी के नाम इस डील में शामिल होना बताये तथा विभाग के दो-तीन अफसर एवं अन्य प्रमुख लोगों के नाम भी सामने आये हैं, जिन्हें उजागर नहीं किया जा रहा।

पीएमटी घोटाला: साॅल्वर ने पास कराई परीक्षा व काउंसलिंग
ग्वालियर। एसआईटी द्वारा गिरफ्तार जितेन्द्र तिजौरिया ने पूछताछ में खुलासा किया है कि 2010 के बैच में उसने पीएमटी के के अलावा काउंसलिंग भी साॅल्वर के जरिये पास की। एएसपी बीरेन्द्र जैन ने बताया कि जितेन्द्र का जीजा नरेन्द्र चैरसिया रैकेटियर ज्ञान सिंह का दोस्त है। ज्ञान का इन्दौर में बड़ा नेटवर्क था, वहीं से फाॅर्म भरवाता था। जितेन्द्र के अलावा उसके सतेन्द्र टैगोर, अरूण जाटव निवासी भिंड का फाॅर्म इन्दौर से ही भरवाया था। जितेन्द्र के लिये पिता शोभाराम ने पैसों का इंतजाम किया था।

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