सूचना आयोग ने लगाई रेडक्रास को फटकार, 15 दिन में दें जानकारी

भोपाल। मप्र राज्य सूचना आयोग ने सार्वजनिक क्रियाकलाप से संबंधित जानकारी छिपाने के लिए भारतीय रेडक्रास सोसायटी को फटकार लगाई है। राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने रेडक्रास द्वारा जानकारी देने से इंकार किए जाने को अनुचित करार देते हुए सचिव, रेडक्रास को आदेश दिया है कि वे अपीलार्थी को चाही गई समस्त जानकारी 15 दिन में पंजीकृत डाक से निषुल्क उपलब्ध कराकर आयोग के समक्ष पालन प्रतिवेदन पेश करें।

प्रकरण में प्रस्तुत द्वितीय अपील की वीडियो काॅन्फेंसिंग से सुनवाई करने के बाद गत दिवस पारित निर्णय में आयुक्त आत्मदीप ने रेडक्रास के इस तर्क अमान्य कर दिया कि रेडक्रास अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसे शासन से कोई आवंटन व अनुदान प्राप्त नहीं होता है। यह एक स्वतंत्र संस्था है, जो लोक प्राधिकारी की श्रेणी में नहीं आती है। इसलिए रेडक्रास सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने को बाध्य नहीं है।

आयुक्त ने फैसले में कहा कि आरटीआई एक्ट के तहत वे सभी संस्थाएं लोक प्राधिकारी की परिभाषा में आती हैं जो संसद या विधान मंडल द्वारा पारित कानून के अंतर्गत स्थापित की गई हैं। रेडक्रास संसद द्वारा पारित इंडियन रेडक्रास सोसायटी एक्ट 1920 के तहत स्थापित की गई है, जिसमें समय-समय पर संषोधन किए गए हैं। ऐसे में रेडक्रास लोक प्राधिकारी है और आरटीआई एक्ट की परिधि में आती है। शासन ने भी रेडक्रास को इस एक्ट के प्रावधानों से मुक्त नहीं किया है।

फैसले में कहा गया है कि सरकारी संरक्षण, शासन के प्रत्यक्ष-परोक्ष सहयोग व नागरिकों के दान से संचालित और व्यापक जनहित के कामों से जुडी रेडक्रास जैसी संस्थाओं को लोक क्रियाकलाप से संबंधित अपनी जानकारी का स्वतः सार्वजनिक प्रकटीकरण करना चाहिए। अपने कामकाज में शुचिता, पारदर्षिता तथा जनता के प्रति जवाबदेही सुनिष्चित करने की दृष्टि से भी ऐसा किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि आयुक्त आत्मदीप इसी प्रकार के एक अन्य प्रकरण में सचिव रेडक्रास, गुना को भी वांछित जानकारी प्रदाय करने के लिए आदेषित कर चुके हैं। इसके पूर्व आयोग रेडक्रास, छतरपुर को भी जानकारी देने का आदेष दे चुका है।

यह है मामला
डाॅ. एचएस दंडोतिया ने सचिव रेडक्रास, मुरैना से रेडक्रास द्वारा जिला चिकित्सालय में बनाई गई दुकानों, उनके आवंटन (नीलामी), वर्तमान में ये दुकान चला रहे लोगों तथा इन दुकानों के नवीनीकरण के बारे में नियमों व शर्तों सहित जानकारी मांगी थी। रेडक्रास ने खुद को आरटीआई एक्ट के दायरे से बाहर बताते हुए ये जानकारियां देने से इंकार कर दिया। इसके विरूद्ध प्रस्तुत प्रथम अपील पर अपीलीय अधिकारी व आयुक्त चंबल संभाग ने सुनवाई कर आदेष पारित न करते हुए प्रकरण कलेक्टर मुरैना को भेज दिया, जिन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर अपीलार्थी ने आयोग में गुहार लगाई, जिसे मंजूर करते हुए आयोग ने दो टूक फैसला सुनाया।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !