सोना : राहत किसे

राकेश दुबे@प्रतिदिन। सोने के आयात पर से प्रतिबन्ध हटाने के सरकारी आदेश का अर्थ बाज़ार और सरकार अलग अलग निकल रही है| सरकार का मानना है कि इससे तस्करी पर लगाम  लगेगा और बाज़ार को इसमें उपभोक्ता का हित नजर आ रहा है| दोनों ही स्थिति में भाव गिरना निश्चित है|

सोने-चांदी के व्यपारियों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने सोने के आयात पर 80:20 स्कीम को हटाने का फैसला किया है। यानी अब आयतित सोने का 20 प्रतिशत निर्यात करने की शर्त खत्म हो गई है। सरकार ने ये फैसला इस नियम के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग होने की शिकायतें मिलने के बाद किया है। आरबीआई ने इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। दरअसल, सोना आयात कम करने और सीएडी घटाने के मकसद से सरकार ने ये कदम उठाया था।

स्वर्ण आयात का 80:20 नियम अगस्त 2013 में लागू हुआ था। जिसके तहत आयातित सोने के कम से कम 20 प्रतिशत हिस्से को ज्वेलरी के तौर पर निर्यात करने का नियम लागू किया गया था। इस नियम के तहत शुरुआत में 6 बैंकों और 3 वित्तीय संस्थाओं को सोना आयात करने की अनुमति  दी गई थी। बाद में 4 बैंकों और स्टार ट्रेडिंग हाउसों को भी गोल्ड इंपोर्ट करने की इजाजत दे दी गई थी।

80:20 को हटाने की गई वजहें हैं।  एक तो सोने की तस्करी कस्टम विभाग के लिए अक बड़ी समस्या बन गई थी दूसरे स्टार ट्रेडिंग हाउसों के इंपोर्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों की शिकायतें  मिल रही थी। इस स्कीम के हटाए जाने से अब इस तरह की गड़बड़ियों के रुक जानें की संभावना है। माना जा रहा है कि कच्चे तेल के सस्ते होने की वजह से सीएडी के मोर्चें पर सरकीर को राहत मिले है। इसके अतिरिक्त सरकार यह नहीं चाहती की सोने की कीमतों में तेज बढ़ोत्तरी हो। सोने आयात पर पाबंदी हटने के इसकी कीमतों में तेजी पर लगाम लगेगी क्योंकि स्वर्ण आयात पर पाबंदी से कीमतों में कृत्रिम उछाल आया था।

लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com


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