महिला कर्मचारियों को 2 साल की चाइल्ड केयर लीव

भोपाल। महिलाओं को अपने बच्चों के लालन-पालन और शिक्षा के लिए राज्य सरकार 'चाइल्ड केयर लीव' देने जा रही है। वित्त विभाग द्वारा तैयार किए जा रहे प्रस्ताव के अनुसार केन्द्र के समान राज्य सेवा की महिला अधिकारी-कर्मचारियों को 6 माह की मेटरनिटी-लीव के अतिरिक्त दो साल की चाइल्ड केयर लीव मिलेगी।

उन्हें इस अवधि का पूरा वेतन घर बैठे मिलेगा। महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव के रूप में मिलने वाले विशेष अवकाश की सुविधा बच्चों की उम्र 18 वर्ष होने तक दी जाएगी। महिलाएं अपनी सुविधा के अनुसार टुकड़ों-टुकड़ों में दो वर्ष तक का अवकाश ले सकेंगी, लेकिन दो वर्ष का अवकाश एक साथ नहीं मिलेगा ।

चाइल्ड केयर लीव का लाभ प्रदेश की 55 हजार महिला कर्मचारी-अधिकारियों को मिलेगा, हालांकि इस संबंध में यूपीए सरकार की तत्कालीन केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कृष्णा तीरथ ने डेढ़ साल पहलेे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर चाइल्ड केयर लीव देने की सिफारिश की थी, जिसे राज्य सरकार ने अमान्य कर दिया था।

हाल ही में महिला कर्मचारी संगठन, महिला आयोग का अधिक दवाब बनने और हाईकोर्ट इंदौर में इस मामले में याचिका में सरकार से जवाब तलब किए जाने के बाद मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा ने केन्द्र के समान राज्य सेवा की महिला कर्मचारी-अधिकारियों को भी चाइल्ड केयर लीव देने के लिए वित्त विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने 2008 में अधिसूचना जारी कर 6वें वेतन आयोग में महिलाओं को मेटरनिटी-लीव 6 माह के अतिरिक्त दो वर्ष की चाइल्ड केयर लीव की सुविधा दी थी। इसके बाद राज्य की महिला अधिकारी-कर्मचारियों की मांग पर राज्य महिला आयोग ने वर्ष 2011 में राज्य सरकार को चाइल्ड केयर लीव देने की अनुसंशा की थी ।

कृष्णा तीरथ ने लिखा था पत्र
तत्कालीन केन्द्रीय राज्यमंत्री महिला एवं बाल विकास तीरथ ने पत्र में लिखा था कि केन्द्र सरकार ने 2008 में महिला अधिकारों के संरक्षण के लिए चाइल्ड केयर लीव के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार की यह देखने में आया कि अशासकीय संस्थाओं में काम करने वाली महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान अवकाश की सुविधा न होने से उन्हें काम-काज छोड़ना पड़ता है।

इससे महिलाओं के अधिकार का हनन होता है। वहीं दूसरी ओर अवकाश न मिलने से कामकाजी महिलाएं काम के चक्कर में बच्चों का लालन पालन ठीक ढंग से नहीं कर पाती हैं। उन्होंने लिखा था कि महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए इसे प्रदेश के सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। जिससे उनके अधिकारों का संरक्षण हो सके।

84 हजार नियमित महिलाकर्मी
प्रदेश के सरकारी सेवा में लगभग 84 हजार नियमित महिला कर्मी सेवारत हैं। इनमें 56 से 60 वर्ष की आयु वाली महिलाएं 8451 हैं, इनमें प्रथम श्रेणी की 480, द्वितीय श्रेणी की 971 और तृतीय श्रेणी की 7000 महिलाएं शामिल हैं। शेष 55 हजार 549 महिलाएं 50 से कम आयु की हैं।

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