भोपाल। मप्र लोक सेवा आयोग एवं यूजीसी नेट की एक ही तारीख में परीक्षा ने अभ्यर्थियों की उलझन बढ़ा दी है। दरअसल, पीएससी की प्रारंभिकपरीक्षा पहले 13 अप्रैल को होनी थी, लेकिन अब यह परीक्षा 29 जून को होगी। इसी दिन यूजीसी भी नेट की परीक्षा आयोजित करा रहा है।
दोनों परीक्षाएं एक ही तारीख में होने आवेदक समझ नहीं पा रहे हैं कि वे कौन-सी परीक्षा दें और कौन-सी छोड़ें। प्रदेश के हजारों आवेदकों ने पीएससी तथा यूजीसी का फॉर्म भर करपरीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन परीक्षाओं की तिथियां अलग नहीं की गर्इं, तो आवेदक किसी एक परीक्षा में ही शामिल हो पाएंगे।
आवेदक चिंतित
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) हर साल जून तथा दिसंबर माह के आखिरी रविवार को नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) आयोजित करता है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण आवेदक ही पीएससी की असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती परीक्षा के लिए पात्र होते हैं। दोनों परीक्षाएं एक ही दिन होने के कारण आवेदक चिंतित हैं कि अगर उन्होंने यूजीसी का एग्जाम छोड़ा, तो वे असिस्टेंट प्रोफेसर के एग्जाम में वंचित हो जाएंगे, जबकि पीएससी के लिए वे हजारों रुपए प्रतिमाह खर्च करके कई महीने से कोचिंग कर रहे हैं। मप्र लोक सेवा आयोग 649 पदों के लिए परीक्षा आयोजित कर रहा है। इसमें सहकारिता विभाग में सहायक आयुक्त के पांच, वित्त विभाग में सहायक संचालक के 50, पिछड़ा वर्ग
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में सहायक संचालक के 25, पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में निरीक्षक के 38, राजस्व विभाग में एएसएलआर के 23, वाणिज्य कर विभाग में निरीक्षक के 20, सहकारिता विभाग में निरीक्षक के 28 व आबकारी उप निरीक्षक के 47 पद सहित अन्य पद शामिल हैं। वहीं आवेदनकों परीक्षा तिथियां बदलने की मांग की है।