मोदी के नाम पर साम्प्रदायिकता भड़काने की एक और कोशिश

भोपाल। राजधानी में इन दिनों मोदी के समर्थन में चिपकाए गए कुछ पेम्पलेट्स विवाद का विषय बन गए हैं। इन पेम्पलेट्स पर लिखा है ‘‘अजान में मोदी, कुरान में मोदी, आगाज में मोदी, नमाज में मोदी, अब तो मान लो रसूल है मोदी।’’ माना जा रहा है कि ये शरारती तत्वों की हरकत है, कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है।

यह पहली बार हो रहा है कि किसी व्यक्ति के समर्थन में कुछ ऐसी प्रक्रियाएं भी घट रहीं हैं जो समर्थकों का पागलपन ही कही जा सकतीं हैं। मोदी के समर्थन में किसी मॉडल की नंगी तस्वीरें, नमो तक तो ठीक था, लेकिन उसके बाद 'हर हर मोदी' और इस तरह के नारों से एक इंसान को भगवान बनाने का प्रयास किया जा रहा है। निश्चित रूप से ऐसी कोशिशें समाज में मोदी के नंबर कम ही कर रहीं हैं।

विवाद तो उस समय खड़ा हो गया जब राजधानी की दीवारों पर कुछ पर्चे चिपके मिले जिन पर लिखा था ‘‘अजान में मोदी, कुरान में मोदी, आगाज में मोदी, नमाज में मोदी, अब तो मान लो रसूल है मोदी।’’ इसका अर्थ हुआ कि अब यह मान लो कि मोदी ही खुदा है।

इस्लाम इसकी कतई इजाजत नहीं देता और यह पूरी तरह से निंदा का कारण ही हो सकता है। यह पर्चे मुसलमानों को मोदी से और ज्यादा दूर ले जाएंगे और शिवराज फैक्टर के चलते भी मुसलमान इस बार भाजपा को वोट नहीं कर पाएंगे।

माना जा रहा है कि यह शरारती तत्वों की साजिश है और कांग्रेस के एक प्रत्याशी द्वारा मोदी की बोटी बोटी कर देने वाले बयान के बाद साम्प्रदायिक माहौल को बिगाड़ने का प्रयास भी।

कांगे्रस के अल्पसंख्यक विभाग ने चुनाव आयोग को जो शिकायत सौंपी है, उसके साथ विवादास्पद भड़काऊ पैम्फलेट की प्रति भी संलग्न की है। विभाग के अध्यक्ष श्री सलीम ने बताया है कि इस पैम्फलेट में भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह भी छपा है। पैम्फलेट में भाजपा के पीएम पद के घोषित प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी की तारीफों के पुल बांधते हुए काव्यात्मक शैली में 30 पंक्तियां भी शामिल हैं। इन पंक्तियों में सर्वाधिक आपत्तिजनक पंक्तियां हैं -‘‘अजान में मोदी, कुरान में मोदी, आगाज में मोदी, नमाज में मोदी, अब तो मान लो रसूल है मोदी।’’ इस पैम्फलेट की वजह से मुस्लिम समाज की धार्मिक भावनाएं आहत होने की स्थिति बन गई है।

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