भोपाल। अगर आपने घर खरीदने के लिए किसी बैंक से टीजर रेट पर होम लोन लिया था और अब उसकी ब्याज दरों से परेशान हैं, तो आपके लिए एक विकल्प है। कई बैंकों ने स्कीम लांच की है, जिसके तहत आप अपने टीजर रेट पर लिए गए होम लोन को वर्तमान दरों पर चेंज करा सकते हैंं।
केस-1: दिनेश चौधरी साकेत नगर में रहते हैं। 2009 में एसबीआई से होम लोन लेकर घर खरीदा। वह भी केवल सिर्फ 8 फीसदी की ब्याज दर पर। यह उस समय की बेस रेट से भी कम था। पिछले दिनों उन्होंने अचानक लोन स्टेटमेंट्स चेक किया, तो पता लगा कि उन्हें 12.05 फीसदी तक ब्याज देनी पड़ रही है।
केस-2: अनुज गुप्ता। निवासी शालीमार इन्क्लेव। 2010 में एचडीएफसी से 8.5 फीसदी पर होम लोन लिया था। बेहद खुश थे कि लोन दूसरे लोगों की तुलना में करीब एक फीसदी सस्ता मिला। अब परेशान हैं। उन्हें लोन की ब्याज 12.15 फीसदी लग रही है, जबकि नए ग्राहकों को सिर्फ 10.25 फीसदी पर लोन मिल रहा है।
चौधरी और गुप्ता राजधानी में अकेले नहीं। राजधानी में उन जैसे हजारों हैं, जिन्होंने तीन से चार साल पहले बैंकों की टीजर रेट्स पर होम लोन लिया और अब बाजार में प्रचलित दरों से 2-3 फीसदी ज्यादा ब्याज चुका रहे हैं। दरअसल, 2008-09 के बीच कई प्रमुख बैंक नए घर खरीदने वालों के लिए 3-5 साल के सीमित समय के लिए महज 8-8.5 फीसदी की दर पर होम लोन ऑफर लेकर आईं थी। हालांकि बैंकों ने ग्राहकों को साफ कर दिया था कि ऑफर अवधि समाप्त होने के बाद यह होम लोन उस समय चल रही बैंक की बेस रेट्स से 2-3 फीसदी ज्यादा की ब्याज पर फिक्स हो जाएंगे। इसके बाद भी भारी संख्या में लोगों ने कर्ज लिए थे।
अब ये लोग औसतन 12 फीसदी की दर पर होम लोन चुका रहे हैं, जबकि नए ग्राहकों को महज 10.15 फीसदी की ही दर पर होम लोन मिल रहा है। इसके चलते टीजर रेट्स पर होम लोन लेने वाले ग्राहकों को 70-150 रुपए तक ज्यादा ईएमआई देनी पड़ रही है।
क्या हैं टीजर रेट्स
ऐसे होम लोन जो शुरुआत के 3-5 सालों के लिए बाजार में चल रही ब्याज दरों से कम दरों पर दिए गए। हालांकि समय बीत जाने के बाद लोन की ब्याज दर बाजार में प्रचलित दर से ज्यादा हो गई। इन्हें टीजर रेट्स इसलिए कहा गया था, क्योंकि प्रथम दृष्टया ग्राहक कम दर के लालच में फंसकर होम लोन तो ले लेता है, लेकिन बाद में उसे इसका नुकसान उठाना पड़ता है। 2008 के स्लोडाउन के बाद हाउसिंग इंडस्ट्रीज में जान फूंकने के लिए बैंक टीजर रेट पर होम लोन दिए थे।