भोपाल। राजधानी समेत प्रदेश के अन्य शहरों में कॉलोनियों के पार्कों का उपयोग शादी या अन्य सामाजिक समारोह आयोजित करने पर राज्य शासन ने रोक लगा दी है। अब शादी या सामाजिक समारोह किसी निजी जमीन पर करने होंगे और भवन या भूखंड मालिक को इसके लिए लाइसेंस भी लेना होगा।
लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन करने पर दस हजार रुपए तक का जुर्माना देना होगा। साथ ही नगरीय निकायों को लाइसेंस रद्द करने का अधिकार भी होगा। लाइसेंस के लिए मैरिज गार्डन्स (विवाह स्थल) में पहुंच सड़क की चौड़ाई अब कम से कम 40 फीट रखनी होगी। विवाह स्थल पर कुल क्षेत्र का 25 फीसदी हिस्सा पार्किंग के लिए आरक्षित रखा जाएगा। पार्किंग में 4 गार्ड भी रखने होंगे। ये गार्ड मुख्य सड़क की ट्रैफिक व्यवस्था को भी नियंत्रित करने का काम करेंगे।
विवाह स्थल पंजीयन नियम 2013 में यह प्रावधान किए गए हैं। उज्जैन नगर निगम द्वारा बनाए गए इस नियम को शासन ने पूरे प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 29 मार्च से लागू कर दिया है। यह कार्रवाई हाईकोर्ट के निर्देश पर की गई है। इसमें विवाह स्थल का लाइसेंस लेने के लिए 3500 रुपए से लेकर 15 हजार रुपए तक का वार्षिक शुल्क लगाया गया है।
इन्हें माना जाएगा विवाह स्थल
शादी, सगाई, जन्मदिवस और अन्य सामाजिक समारोह आयोजित कराने वाले होटल, प्लॉट, फार्म हाउस, कम्युनिटी हॉल, क्लब, धर्मशाला आदि इस नियम की जद में आएंगे।
संकरी गलियों हो रहे संचालित, पार्किंग भी नहीं
भोपाल में नगर निगम के सर्वे में 96 मैरिज गार्डन और शादी हॉल दर्ज हैं। खुद निगम के सर्वे में 20 फीसदी मैरिज गार्डन ही पार्किंग के प्रावधानों को पूरा करते हैं। जबकि सीवेज व कचरे को नष्ट करने के लिए 40 मैरिज गार्डन और शादी हॉल के पास कोई व्यवस्था नहीं है। 50 फीसदी मैरिज गार्डन्स सकरी सड़कों पर संचालित है। यहां शादी समारोह के दौरान जाम लगता है। यानी कि यदि नए नियम से लाइसेंस दिए जाते हैं तो बमुश्किल से 20 से 30 मैरिज गार्डन्स को ही परमिशन मिल पाएगी।