व्यापमं घोटाला: 5 में से 3 फारेस्ट गार्ड निकले फर्जी

भोपाल। व्यापमं की वन रक्षक भर्ती परीक्षा 2013 के फर्जीवाडे में एसटीएफ ने शनिवार को 3 वन आरक्षकों को गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ ने फर्जीवाडे की पड़ताल के दौरान नवनियुक्त पांच संदिग्ध वन रक्षकों को हिरासत में लिया था, निर्दोष पाए जाने वाले दो वन आरक्षकों को छोड़ दिया गया। जबकि फर्जी पाए गए तीनों आरक्षकों को गिरफ्तार कर लिया गया।

जिन्हें रविवार को जिला न्यायालय में पेश कर पीआर पर लिया जाएगा। एसटीएफ के अनुसार व्यापमं द्वारा 3 मार्च -13 को मप्र वन रक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित कराई थी। पड़ताल के बाद एसटीएफ ने अपने स्थान पर दूसरों अन्य व्यक्ति को परीक्षा में बैठाकर चयनित होने वाले वन रक्षकों के विरुद्ध धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120-बी भादवि व 3घ(1-2)-4 मप्र मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम के तहत केस दर्ज कर जांच शुरूकी। एसटीएफ ने चयनीत पांच उम्मीदवारों को हिरासत में लेकर जांच की। 

इनमें से तीन उम्मीदवार मुरैना निवासी धर्मेंद्र पिता शिवदास निगम, मुरैना निवासी कुलदीप पिता मुन्ना लाल दौनेरिया और ग्राम तुस्सीपुरा मुरैना निवासी भागीरथ पिता राजेंद्र सिंह कैमोर को गिरμतार कर लिया। एसटीएफ के अनुसार धर्मेंद्र निगम का परीक्षा केंद्र ग्वालियर था, जो कि दलाल को 3 लाख रुपए देकर दूसरे व्यक्ति को परीक्षा में बैठाया पास हुआ था। वर्तमान में धर्मेंद्र बैतूल मंडल में वन रक्षक के रूप में पदस्थ था। कुलदीप दौनेरिया का परीक्षा केंद्र रीवा था, जिसने दलाल को 3 लाख रुपए देकर अन्य व्यक्ति को परीक्षा में बैठाया था। चयनीत होने के बाद कुलदीप बैतूल मंडल में ही पदस्था था। तीसरे फर्जी उम्मीदवार भागीरथ का परीक्षा केंद्र ग्वालियर मिला था। इसने दलाल को 50 हजार रुपए देकर दूसरे को परीक्षा में बैठाया था। जो कि वर्तमान में वन रक्षक के पद पर छिंदवाड़ा वन मंडल में पदस्थ था।

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