भोपाल। मध्यप्रदेश के 21 कलेक्टरों को ओलापीड़ित किसानों की कतई फिक्र नहीं है। इधर सरकारी खजाने में किसानों को बांटने के लिए हजारों करोड़ रुपया रखा हुआ है, लेकिन 21 कलेक्टर ऐसे हैं जिन्होंने अपने जिले में हुए नुक्सान की जानकारी तक नहीं भेजी है।
यह खुलासा तब हुआ जब मुख्य सचिव अंटोनी डिसा ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए कलेक्टरों से पूछा कि अब तक राहत राशि किसानों को क्यों नहीं बांटी गई। अब जब जानकारी ही नहीं भेजी तो राहत राशि की मांग कैैसे हो सकती है और जब मांग ही नहीं तो वितरण कैसे होगा। कुल मिलाकर कलेक्टरों ने किसानों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है और मध्यप्रदेश के इन 21 बेलगाम कलेक्टरों को कंट्रोल करने वाला शायद कोई नहीं है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राहत कार्यों की समीक्षा करना था। चुनाव आयोग से इसकी अनुमति भी मिल चुकी थी, लेकिन उत्तरप्रदेश में चुनावी व्यस्तता के चलते सीएम इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हो सके।
सीएस ने कलेक्टरों को अल्टीमेटम दिया कि हर हालत में मंगलवार तक फसलों के नुकसान की फुल एंड फायनल जानकारी भिजवा दें। मुख्य सचिव ने जबलपुर कलेक्टर विवेक पोरवाल को ताकीद किया कि उन्होंने फसलों के नुकसान की जो जानकारी भेजी है। वह काफी नहीं है। पूरी जानकारी फार्मेट में भरकर ऑनलाइन भेजें।