भोपाल। व्यापमं ने गुरुवार को पीएमटी-2012 के 286 छात्रों की परीक्षा निरस्त कर दी। अब चिकित्सा शिक्षा विभाग इनमें से उन छात्रों के एडमिशन निरस्त करेगा, जो पीएमटी काउंसलिंग से एडमिशन लेकर कॉलेजों में पढ़ रहे हैं। इसके लिए संचालक चिकित्सा शिक्षा (डीएमई) पीएमटी पात्रता निरस्त छात्रों की सूची कॉलेज डीन को शुक्रवार को भेजेंगे।
व्यापमं अधिकारियों के मुताबिक, भोपाल और इंदौर के तीन-तीन और शहडोल के एक परीक्षा केंद्र पर छात्रों ने पीएमटी में सामूहिक नकल की थी। हर छात्र के आगे अथवा पीछे एक होशियार छात्र (स्कोरर) को बैठाया गया था, जो राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित दूसरे राज्यों के थे। व्यापमं की तकनीकी जांच समिति और एसटीएफ की जांच में इसकी पुष्टि हुई है।इस कारण सभी 286 छात्रों को मंडल ने सामूहिक नकल का दोषी मानकर उनकी परीक्षा निरस्त कर दी है।
दो-दो परीक्षार्थियों को नकल कराई थी एक छात्र ने
इंदौर के आरआरएमबी गुजराती हायर सेकंडरी स्कूल परीक्षा केंद्र पर रूपेश शर्मा ने जयप्रकाश गुप्ता और कुंदन वर्मा को नकल कराई थी। इसके लिए जयप्रकाश को रूपेश के आगे और कुंदन को उसके बाद का रोल नंबर जारी किया गया था। इसी परीक्षा केंद्र पर दुर्ग (छत्तीसगढ़) की प्रियंका छापरे ने इंदौर के अरविंद चौहान और बड़वानी की श्रद्धा गुप्ता को नकल कराई थी।
272 छात्रों ने सामूहिक नकल की थी। इसके अलावा 14 छात्रों ने ओएमआर शीट के गोले अवैध तरीके से काले कराकर नंबर बढ़वाए थे। इस कारण पीएमटी-2012 में शामिल हुए 286 छात्रों की परीक्षा निरस्त की गई है।
-तरुण पिथौड़े, डायरेक्टर, व्यापमं
खाली गोलों को बाद में काला कराया
14 छात्रों ने मेरिट में जगह बनाने के लिए मंडल की कंप्यूटर शाखा के प्रभारी नितिन महिंद्रा से ओएमआर शीट के खाली गोलों को काला कराया था। इसके लिए महिंद्रा को छात्रों के परिजनों ने मोटी रकम दी थी। इसकी पुष्टि महिंद्रा के कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क के रिट्रीव डाटा में हुई है।
गलत उत्तर भी समान
भोपाल, इंदौर और शहडोल के परीक्षा केंद्रों पर 272 छात्रों ने प्रश्नों के गलत उत्तर भी एक समान दिए हैं। सभी ने परीक्षा केंद्र पर स्कोरर के मार्फत नकल की थी। इसके कारण नकल करने वाले और कराने वाले (दोनों छात्रों) छात्रों को पीएमटी में एक समान नंबर मिले थे। इतना ही नहीं नकल के आरोपी छात्रों ने प्रश्नों के उत्तर भी एक ही क्रम में दिए थे।